scriptThe fragrance of the soil remains away from the soil | माटी से दूर माटी की सुगंध बरकरार | Patrika News

माटी से दूर माटी की सुगंध बरकरार

locationबैंगलोरPublished: May 12, 2022 07:32:01 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

कर्नाटक में कायम है जोधपुरी पहचान

माटी से दूर माटी की सुगंध बरकरार
माटी से दूर माटी की सुगंध बरकरार
बेंगलूरु. सूर्यनगरी एवं ब्लू सिटी के नाम से देश भर में विख्यात जोधपुर गुरुवार को अपना 56४ वां स्थापना दिवस मनाएगा। इसको लेकर बेंगलूरु एवं अन्य शहरों में रहने वाले जोधपुर के प्रवासियों में खुशी का माहौल है। हमने यहां जोधपुर एसोसिएशन के पदाधिकारियों से चर्चा की तो उन्होंने अपने अनुभव कुछ इस प्रकार से साझा किए। जोधपुर के प्रवासियों का कहना है कि कला, संस्कृति, पर्व, त्योहार] रहन-सहन, खानपान, रीति रिवाज समेत तमाम पहलुओं पर नजर डाली जाए तो जोधपुर की अपने आप में अलग पहचान है। जोधपुर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोककुमार व्यास ने कहा कि कर्म भूमि बेंगलूरु और जन्मभूमि जोधपुर (राजस्थान) दोनों के बीच पिछले 3२ वर्षों से अद्भुत तालमेल कायम है। आज भी जोधपुर की माटी की सुगंध हमें निरंतर आह्वान करती है और हम जोधपुर-बेंगलूरु के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील है।
कोरोना से उत्पन्न विषम हालातों पर पदमराज मेहता और मंत्री सज्जनराज मेहता ने बताया कि राजस्थान का प्रमुख शहर जोधपुर सूर्यनगरी के नाम से विख्यात है साथ ही अपने नीले घरों के लिए विश्व में पहचान रखता है। इसलिए इसे ब्लू सिटी भी कहा जाता है। यह शहर अपनी राजस्थानी संस्कृति भव्य महलों के लिए पर्यटन की दृष्टि से विश्व में पहचान रखता है। इसके अलावा जोधपुर की एक और खास चीज है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है वह है यहां के लजीज व्यंजन, जोधपुरियों की जोधपुरी मुसाहिबी, अपनत्व, मीठी बोली किसी को भी मोहित कर लेती है। क्योंकि बेंगलूरु में संगम स्थली जोधपुर एसोसिएशन वर्ष के तीन स्नेह मिलन, होली, दिवाली और गणेश चतुर्थी, संवत्सरी स्नेह मिलन तथा चौथी हल्दी गोठ का हर सदस्य को बेसब्री से इंतजार रहता है

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