६० फीसदी आंखें बेकार
इबीएआइ (दक्षिण) के अध्यक्ष एम.के. कृष्णा ने कहा कि दान की गई आंखों में से ४० फीसदी आंखें की प्रत्यारोपण के काम में आती हैं। इसके पीछे कई कारण है। एक लाख कॉर्निया प्रत्यारोपण के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए तीन लाख कॉर्निया की जरूरत पड़ेगी। जो नेत्रदान से ही संभव है। इसके लिए हर जिले में एक आइ बैंक और हर तालुक में एक आंख संग्रह केंद्र बनाने का लक्ष्य है।
गायत्री को हरीश नंजप्पा पुरस्कार
मधुगिरी नेत्र संग्रह केंद्र की गायत्री नारायण सीए को हरीश नंजप्पा वार्षिक पुरस्कार से नवाजा गया। गायत्री ने करीब २५० नेत्रदान में भूमिका निभाई है। ज्ञात हो कि हरीश नंजप्पा १६ फरवरी २०१६ को मैसूरु रोड पर सडक़ दुर्घटना में घायल हो गया था।
कमर के ऊपर से उसका शरीर लगभग दो हिस्सों में कट गया था। हरीश घंटों तक सडक़ पर मदद के इंतजार में पड़ा रहा था, लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया था। बाद में एक एम्बुलेंस चालक ने हरीश को अस्पताल पहुंचाने का बीड़ा उठाया था। लेकिन एम्बुलेंस में हरीश ने चालक से कहा था,‘नहीं बचा तो आंखे दान कर देना। शरीर का जो भी हिस्सा दूसरों के काम आ सके उसे दान कर देना।’