scriptप्रति व्यक्ति 120 लीटर पानी देने का लक्ष्य | The goal of providing 120 liters of water per person | Patrika News

प्रति व्यक्ति 120 लीटर पानी देने का लक्ष्य

locationबैंगलोरPublished: May 19, 2019 12:53:28 am

जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. बी.सी. सतीश ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में 120 लीटर तक जलापूर्ति करने की योजना तैयार की जा रही है।

प्रति व्यक्ति 120 लीटर पानी देने का लक्ष्य

प्रति व्यक्ति 120 लीटर पानी देने का लक्ष्य

धारवाड़. जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. बी.सी. सतीश ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में 120 लीटर तक जलापूर्ति करने की योजना तैयार की जा रही है। वे धारवाड़ में जर्नलिस्ट गिल्ड की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।


उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के दस्तावेजों के अनुसार जिले में लगभग 55 लीटर के 25 प्रतिशत मात्र जलापूर्ति होने वाले 9 गांव थे। इनमें स्थाई समाधान करने की योजना प्रगति में है। साथ पानी की मात्रा बढ़ाने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले में कुल 38 8 रिहायशी क्षेत्र हैं। इनमें मलप्रभा दायीं छोर की नहर से धारवाड़, हुब्बल्ली तथा कुंदगोल के 72 रिहायशी इलाकों में जलापूर्ति की जा रही है। भूमिगत जलस्रोत से भूमि के ऊपर वाले पानी के मूलों पर आधारित योजना है। मलप्रभा पानी को ही जिले के सभी गांवों को विस्तार करने पर विचार किया जा रहा है।


सरकार को सौंपा था प्रस्ताव
डॉ. सतीश ने कहा कि जलधारे योजना के तहत 1 हजार 43 करोड़ रुपए की लागत का प्रस्ताव सरकार को सौंपा गया था। प्राथमिक रिपोर्ट भी सौंपी गई है, परंतु योजना थोड़ी सी महंगी है कहने वाली उच्च स्तरीय समिति ने बेकार खर्च कम करने के निर्देश दिए हैं। यह योजना क्रियान्वयन होने पर जिले की पानी की समस्या का समाधान होजाएगा।


उन्होंने कहा कि इस बार के गर्मी के मौसम में पानी की समस्या का समधान अच्छे से किया जा रहा है। नए बोरवेलों की खुदाई करने के बजाए पुराने बोरवेलों को ही जीवित किया जा रहा है। ग्रामीण रोजगार गारंटी से किसानों के खेतों में कृषि तालाब निर्माण पर जोर दिया गया है। ऐसे ही पानी का रिसाव होने से बचाने के लिए टैंक भर कर बहने वाले क्षेत्र में पानी की टंकी के निर्माण को अनिवार्य किया गया है।


पानी की हो जांच
उन्होंने कहा कि किसी भी स्रोत से पानी उपलब्ध होने के बावजूद उसको प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजना हमारी जिम्मेदारी है। प्रयोगशाला में सुधार किया गया है। इसमें और जल विशेषज्ञों को नियुक्त करना है। फिलहाल जिले में 46 8 शुद्ध पेयजल इकाइयों में से 402 कार्य कर रही हैं परंतु कुछ जगहों में इन इकाइयों को लेकर लोगों में उदासीनता है और जगहों पर इनको ध्वस्त किया गया है। लोगों में पानी से संबंधित जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है।


उन्होंने कहा कि आगामी मानसून में भूजल स्तर बढ़ाने के लिए जिला पंचायत इंजीनियरिंग विभाग की ओर से 175 एवं मनरेगा से 109 चेकडेम का निर्माण किया जा रहा है। दो कमानों के चेकडेम को 4.12 लाख रुपए के तहत खर्च किएजा रहे हैं। अधिकतर किसानों ने इसका समर्थन किया है।

किसानों ने अपनी जमीन छोड़ दी है। वन विभाग भी हमें सहयोग दे रहा है। कुछ चेकडेम वन क्षेत्र में निर्माण हो रहे हैं। यह सहज रूप से भू जल स्तर वृद्धि करने में सहायक होगा। साथ में 5 जून को एक लाख पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इन अवसर पर अधिकारी आर.बी. मुनवल्ली, ए.एम. पाटील, षण्मुख, अब्दुल रहीम आदि उपस्थित थे।

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