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पेट्रोल की कीमतों पर जुमलेबाजी से आई मोदी सरकार धोखेेबाजी कर रही है : जद-एस

locationबैंगलोरPublished: Sep 10, 2018 12:58:10 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

भाजपा ने आरोपों को नाकारा

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पेट्रोल की कीमतों पर जुमलेबाजी से आई मोदी सरकार धोखेेबाजी कर रही है : जद-एस

बेंगलूरु. जद-एस के राष्ट्रीय प्रवक्ता तनवीर अहमद का कहना है कि राज्य सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के लिए पेट्रोल की कीमतों में 1.40 रुपए की बढ़ोतरी की लेकिन पिछले एक महीनेेे में प्रति लीटर पेट्रोल के भाव 7 रुपए बढ़ गए। एक रुपया और 7 रुपए का गणित कैसे समझाएंगे नरेंद्र मोदी। हमने जो 1 रुपए बढ़ाया उसके बदले में किसानों का ऋण माफ किया। वह एक रुपया कितना महत्वपूर्ण है इसे सहज समझा जा सकता है। लेकिन, जो 7 रुपए बढ़े हैं उसका हिसाब क्या है? यह सरकार जुमलेबाजी से आई और धोखेेबाजी कर रही है।
तेल की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी के लिए केंद्र सरकार की नीतियां ही जिम्मेदार होंगी क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में बहुत अधिक बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। आज भी कच्चे तेल की कीमतें 20 फीसदी कम है। केंद्र सरकार ने सोचा कि नोटबंदी का उन्हें बहुत बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा लेकिन बहुत बड़ा नुकसान हो गया। अपना फायदा तो कर लिया लेकिन, देश का बड़ा नुकसान किया। अब अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई है और सरकार को समझ नहीं आ रहा कि इसे संभाले कैसे। जीएसटी को गलत तरीके से लागू किया गया और अब कमियों को छुपाने की कोशिश हो रही है। मोदी वित्त मंत्री पीयूष गोयल को कहते हैं और वेबसाइट पर अरुण जेटली का नाम है। ऐसा कभी नहीं हुआ। हम यह स्वीकार करते हैं कि विपक्ष इस मुद्दे को ठीक से भुना नहीं पाया। जिस तरह का आक्रोश जनता में होना चाहिए वह नहीं है। जिस तरह प्रति लीटर तेल की कीमतों में 7 रुपए तक की वृद्धि हुई है और लोगों की जेब से पैसा केंद्र सरकार निकाल रही है, उस हिसाब से जनता में नाराजगी दिखनी चाहिए। जनता को यह समझाना होगा कि सरकार ने उनकी खुशियां छीन ली हैं।
कर्नाटक प्रदेश भाजपा प्रवक्ता एस. प्रकाश का कहना है कि कच्चे तेल में बढ़ोतरी के कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं। जो यह कह रहे हैं कि इसके लिए केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं वे स्पष्ट करें कि वह कौन सी नीति है जो इसके लिए जिम्मेदार है। केंद्र सरकार की उस नीति को सामने लाएं जिसके चलते कीमतें बढ़ गईं सिर्फ आरोप लगाने का कोई अर्थ नहीं है। कांग्रेस का प्रदर्शन न्याय संगत नहीं है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आते ही कीमतें नीचे आ जाएंगी। थोड़ा धैर्य रखना होगा। जब कच्चे तेल की कीमत कम थी तब उपभोक्ताओं को उसका लाभ मिला। इसका कोई राजनीतिक प्रभाव नहीं होगा। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद हाल के नगर निकाय चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा।
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