scriptदुनिया में सबसे उत्कृष्ट मंगल धर्म | The Greatest Mars Religion in the World | Patrika News

दुनिया में सबसे उत्कृष्ट मंगल धर्म

locationबैंगलोरPublished: Jun 24, 2019 11:14:43 pm

अहिंसा यात्रा के साथ मानवता का शंखनाद करने वाले जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ११वें अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण का रविवार को यहां बेंगलोर पैलेस में नागरिक अभिनन्दन किया गया।

दुनिया में सबसे उत्कृष्ट मंगल धर्म

दुनिया में सबसे उत्कृष्ट मंगल धर्म

बेंगलूरु. अहिंसा यात्रा के साथ मानवता का शंखनाद करने वाले जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ११वें अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण का रविवार को यहां बेंगलोर पैलेस में नागरिक अभिनन्दन किया गया। जाति, संप्रदाय, मजहब से परे सबको सन्मार्ग दिखाने वाले आचार्य की अभिवन्दना में मानो पूरा बेंगलूरु उमड़ पड़ा। कार्यक्रम में मैसूर राजघराने के प्रमुख सहित धर्मगुरु, कर्नाटक के मंत्री, विभिन्न समाज, संगठन, संस्थाओं के प्रतिनिधि, साहित्यकार, वरिष्ठ नागरिक बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

इस अवसर पर आचार्य महाश्रमण ने कहा कि मंगल का बहुत महत्व है। दूसरों के लिए मंगलकामना की जाती है और इंसान अपने लिए भी मंगल की कामना रखता है। दुनिया में सबसे उत्कृष्ट मंगल धर्म को कहा गया है। अहिंसा, संयम और तप को धर्म बताया गया है। जहां धर्म है वहां मंगल है। जहां अधर्म है वहां अशांति, अमंगल संभव है।


आचार्य ने लोगों को जैन धर्म, जैन साधुचर्या और अहिंसा यात्रा की अवगति भी प्रदान की। आचार्य ने उपस्थित जनमेदिनी से अहिंसा यात्रा के संकल्प स्वीकार करने का आह्वान किया तो लोगों ने अपने स्थान पर खड़े होकर इन्हें स्वीकार किया। साध्वी कंचनप्रभा को आचार्य ने आशीर्वाद प्रदान किया।

अतिथियों बेंगलूरु चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मूलचंद नाहर व अन्य पदाधिकारियों द्वारा साहित्य व स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। तेरापंथ धर्मसंघ की साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि कर्नाटक की राजधानी में महातपस्वी का अभिनन्दन हो रहा है। यह नागरिक अभिनन्दन उस व्यक्तित्व का है जिन्होंने देश, समाज और जनकल्याण के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया है। उन्होंने इस अवसर पर स्वरचित दो पद्य के माध्यम से श्रीचरणों की अभिवन्दना की।


हजारों किमी पदयात्रा से अहिंसा का संदेश
जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि हजारों किलोमीटर की पदयात्रा कर शांति अहिंसा का संदेश लेकर पहुंचे आचार्य महाश्रमण का मैं कर्नाटक सरकार की ओर से स्वागत करता हूं। सभी धर्मों में जैन धर्म की विशेषता यह है कि इस समुदाय के संत महात्मा कठोर व्रत पालन करते हुए लोगों को सरलता का संदेश देते हैं।


माता-पिता तथा गुरु का ऋण अदा करें
आवास विकास मंत्री एमबीटी नागराज ने कहा कि माता-पिता तथा गुरु का ऋण अदा करना हमारा दायित्व है। आचार्य महाश्रमण के गुरुवंदना कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिलना मेरा अहोभाग्य है। जैन धर्म के गुरुओं की सरलता हम सबके के लिए प्रेरणास्रोत है।


अङ्क्षहसा सिद्धांत जैन धर्म की नींव
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी ने कहा कि अङ्क्षहसा का सिद्धांत जैन धर्म की नींव है। जाति धर्म पंथ भाषा के नाम पर विभाजित इस विश्व को अहिंसा का सिद्धांत ही एक सूत्र में पिरो सकता है। शांति, संयम तथा अहिंसा से हर परिवार में सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। बीबीएमपी की महापौर गंगाबिके मल्लिकार्जुन ने कहा कि अङ्क्षहसा का संदेश लेकर आचार्य महाश्रमण बेंगलूरु पहुंचे हैं। अहिंसा तथा शांति से ही हम सब कुछ हासिल कर सकते है।


इन्होंने व्यक्त किए विचार
इस अवसर पर जीतो के पूर्व अध्यक्ष तेजराज गोलेछा, राजपूत समाज के अध्यक्ष मनोहर सिंह कुम्पावत, बी.बी.एम.पी कॉर्पोरेटर सम्पत कुमार, जीतो-बेंगलूरु चैप्टर के अध्यक्ष श्रीपाल खिंवेसरा, सीताराम जिंदल, सतीश जैन, सीरवी समाज के ओमप्रकाश बर्फा, राजस्थान पत्रिका बेंगलूरु के संपादकीय प्रभारी राजेन्द्रशेखर व्यास, साहित्यकार मनोहर भारती, महासभा के उपाध्यक्ष कन्हैयालाल गिरिया, चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के स्वागताध्यक्ष नरपतसिंह चोरडिय़ा, भगवान महावीर हॉस्पिटल के सचिव किशनलाल कोठारी ने भी आचार्य के स्वागत अभिनंदन करते हुए विचार व्यक्त किए। बेंगलूरु महिला मण्डल ने स्वागत गीत का संगान किया।


येड्डियूरप्पा ने आचार्य से लिया आशीर्वाद
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येड्डियूरप्पा ने रविवार को आचार्य महाश्रमण से भेंट करके उनसे आशीर्वाद लिया। आचार्य से भेंट करने के उपरांत येड्डियूरप्पा ने कहा कि आचार्य महाश्रमण अहिंसा यात्रा के प्रवर्तक हैं। अहिंसा यात्रा के दौरान आचार्य ने सद्भावना, नैतिकता व व्यसन मुक्ति के बिंदुओं पर विशेष बल देकर प्रचार किया है।

इन्सान पहले इन्सान, बाद में धार्मिक
जनता दल-एस के राष्ट्रीय प्रवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि जो बात दवा से न बन सके व दुआ से बन जाती है। जैन समाज छोटा समाज जरूर है लेकिन देश पर राज कर रहा है। इसका कारण गुरुओं का आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि इन्सान पहले इन्सान है।


हिन्दू और मुसलमान बाद में है। आदर्श कॉलेज के अध्यक्ष केके भंसाली, तेरापंथ महासभा के पूर्व अध्यक्ष हीरालाल मालू, तेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया, बेंगलूरु चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मूलचंद नाहर, वल्लभ निकेतन के सचिव सिद्धार्थ शर्मा ने कहा कि आचार्य के बेंगलूरु पदार्पण का लाभ हर वर्ग को मिलेगा। वीएस संघ के अध्यक्ष चेतनप्रकाश डूंगरवाल ने गीत से अपनी भावाभिव्यक्ति दी।

वाडियार परिवार का सदियों का रिश्ता
मैसूरु वाडियार राजपरिवार के यदुवीर कृष्णदत्ता चामराजा वाडियार ने कहा कि जब वर्ष 1969 में यहां आचार्य तुलसी का चातुर्मास हुआ, तब उनके स्वागत में जयचामराजेंद्र वाडियार उपस्थित थे। आज नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल होकर मैं अभिभूत हूं। जैन धर्म के साथ वाडियार परिवार का रिश्ता रहा है।

फलप्रद होगी आचार्य की अहिंसा यात्रा
आदिचुनचनगिरी मठ के प्रमुख डॉ. निर्मलानंदनाथ स्वामी ने कहा कि आचार्य महाश्रमण अहिंसा का संदेश लेकर कर्नाटक की पुण्यभूमि पर पहुंचे है। उनका स्वागत करते हुए कर्नाटक की जनता खुद को धन्य महसूस कर रही है। आदिचुनचुनगिरी मठ के बालगंगाधरनाथ स्वामी तथा आचार्य महाप्रज्ञ के बीच गहरे रिश्ते थे। आचार्य महाप्रज्ञ का जहां भी चातुर्मास होता था वे वहां पहुंच कर उनसे धार्मिक मिमांसा करते थे। आज आतंकवाद से जूझ रहे विश्व के लिए अहिंसा तथा शांति का संदेश सर्वाधिक प्रासंगिक है। मुझे पूरा विश्वास है कि आचार्य महाश्रमण की यह राष्ट्रव्यापी अहिंसा यात्रा फलप्रद होगी। निर्मलानंदनाथ महास्वामी ने आचार्य को एक बड़ी माला और अंगवस्त्रम अर्पण कर अभिनन्दन किया।

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