आचार्य के प्रवचन से पूर्व साध्वीप्रमुखा ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित किया। आचार्य के प्रवचन पंडाल में पधारते ही जयकारों से पूरा प्रवचन पंडाल गूंज उठा। आचार्य ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक आदमी योद्धा हो और वह रण में हजारों, लाखों योद्धाओं पर विजय प्राप्त कर लेता है, उससे भी बड़ा योद्धा वह होता है जो स्वयं को जीत लेता है। अध्यात्म जगत में बताया गया कि दूसरों को जीतना तो एक बार आसान हो सकता है, किन्तु स्वयं से स्वयं को जीतना बहुत कठिन कार्य होता है। आदमी को अपने भीतर युद्ध करने का प्रयास करना चाहिए और अपने भीतर स्थित कषायों यथा मान, माया, लोभ, गुस्सा, अहंकार, झूठ को जीतने का प्रयास करना चाहिए। जो आदमी अपने भीतर के कषायों को जीत लेता है, वह मानों कभी मोक्ष का भी वरण कर सकता है। आचार्य ने श्रद्धालुओं को स्वार्थ को छोड़ परमार्थ में भी लगने की पावन प्रेरणा प्रदान की।
प्रवचन के बाद काक्स टाउन के श्रीचन्द मुणोत, विजय सिंह मुणोत, नवीनत मुथा, राखी गादिया, काक्स टाउन जैन संघ के अध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र जैन, पूर्व विधायक निर्मल सुराणा, श्वेता मुणोत, सुमन सुराणा, पवन चोपड़ा व सदानंद सुराणा ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। काक्स टाउन जैन महिला मण्डल, क्षेत्रीय महिला मण्डल ने अपने गीतों के माध्यम से आचार्य के श्रीचरणों की अभिवन्दना की। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति के माध्यम से अपनी प्रणति अर्पित की। आचार्य ने काक्स टाउनवासियों को सम्यक्तव दीक्षा भी प्रदान की।