इस बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुनियप्पा ने कहा कि यह सच है कि दलितों के साथ अन्याय हुआ है। बाबू जगजीवन राम भी प्रधानमंत्री पद से वंचित हुए थे परन्तु इस बारे में बात करने के लिए यह उचित मौका नहीं है। हम अब चुनाव प्रचार में हैं और इस बारे में कोई बयान नहीं देंगे। समय आने पर हम इस बारे में आवाज उठाएंगे। मुनियप्पा ने कहा कि गठबंधन सरकार के गठन के दौरान ही कुमारस्वामी ही पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे कहकर फैसला लिया गया है। यह फैसला कांग्रेस आलाकमान ने लिया है, जिसका अनुशासन के साथ पालन कर रहे हैं।
सिध्दरामय्या के नेतृत्व में कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने हैं। इसके बावजूद अब नेता अलग-अलग बयान देने के जरिए विवाद पैदा कर रहे हैं। हम सभी ने मिलकर मुख्यमंत्री को बनाया है ऐसे में अब अलग बयान क्यों कहकर सिध्दरामय्या के बयान पर नाराजगी जताई। मुनियप्पा ने कहा कि देवराज अरस ने अच्छे कार्य किए थे।
अच्छे कार्य कोई भी करे वे मन में रहते हैं परन्तु लोकतंत्र में परिवर्तन को स्वीकार कर कार्य करना चाहिए। यह क्यों इन्हें समझ में नहीं आ रहा है। उपमुख्यमंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा कि गठबंधन सरकार में फिलहाल कुमारस्वामी मुख्यमंत्री हैं। इसके चलते इस बारे में बात करने के लिए यह उचित समय नहीं है। मुख्यमंत्री का पद फिलहाल रिक्त नहीं है।
चार वर्ष बाद मुख्यमंत्री के चयन के बारे में विचार करेंगे। मेरे अलावा कई लोग मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। सिध्दरामय्या के ट्विट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डॉ. परमेश्वर ने कहा कि सिध्दरामय्या ने प्रासंगिक तौर पर बयान दिया है। इसे दूसरे तरीके से समझेंगे तो कैसे। रेवण्णा तथा सिध्दरामय्या दोनों बेहद करीबी हैं।
उन्हें अच्छी तरह जानते हैं इसलिए यह बात कही होगी। विधायक प्रसाद अब्बय्या, धारवाड़ जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार पाटिल, धारवाड़ जिला कांग्रेस प्रचार समिति अध्यक्ष महेन्द्र सिंघी, नेता एफ.एच जक्कप्पनवर समेत कई उपस्तिथ थे।