इसने पहले केरल में कोविड के मामलों में खतरनाक वृद्धि को देखते हुए वहां से आने वाले सभी लोगों को सात दिनों के लिए संस्थागत क्वारंटाइन अनिवार्य किया गया था। संशोधित प्रोटोकॉल ने संवैधानिक पदाधिकारियों, स्वास्थ्य पेशेवरों और उनकी पत्नी को संस्थागत क्वारंटाइन से छूट दी गई है। दो साल से कम उम्र के बच्चे, परिवार में मृत्यु या चिकित्सा जैसी गंभीर आपात स्थिति में आनेवाले लोगों, माता या पिता के साथ कर्नाटक में परीक्षा के लिए पहुंचने वाले विद्यार्थियों को छूट दी गई है।
सरकार के आदेश के अनुसार, सभी छात्रों और कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से नकारात्मक आरटी-पीसीआर प्रमाणपत्र लाना चाहिए जो कि उनके कोविड -19 टीकाकरण के बावजूद 72 घंटे से अधिक पुराना न हो। केरल में स्थिति भयावह
इस बीच, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने कहा कि केरल में स्थिति डरावनी है। सुधाकर ने गुरुवार को कहा कि हम केरल में मौजूदा स्थिति से डरे हुए हैं। कोविड रोगियों की संख्या कम नहीं हो रही है। कल भी 30,000 से अधिक लोगों ने कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया था।
उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति ने कर्नाटक सरकार को केरल से आने वालों के लिए संस्थागत संगरोध को अनिवार्य बनाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति ने कर्नाटक सरकार को केरल से आने वालों के लिए संस्थागत संगरोध को अनिवार्य बनाने के लिए प्रेरित किया।