जीवन में वचनों का बड़ा महत्व
बेंगलूरु. जिनकुशल सूरी जैन आराधना भवन, बसवनगुड़ी में आयोजित सत्संग सभा में साध्वी प्रियरंजना ने कहा कि मानव जीवन में वाणी मिलना परमात्मा का अनमोल तोहफा है। यदि यह वाणी नहीं मिली होती तो यह दुनिया इतनी अच्छी नहीं होती। इसलिए हमारे जीवन में शब्दों का, वचनों का बहुत बड़ा महत्व है।
बेंगलूरु. जिनकुशल सूरी जैन आराधना भवन, बसवनगुड़ी में आयोजित सत्संग सभा में साध्वी प्रियरंजना ने कहा कि मानव जीवन में वाणी मिलना परमात्मा का अनमोल तोहफा है। यदि यह वाणी नहीं मिली होती तो यह दुनिया इतनी अच्छी नहीं होती। इसलिए हमारे जीवन में शब्दों का, वचनों का बहुत बड़ा महत्व है।
साध्वी ने कहा कि जिस व्यक्ति को शब्दों का उपयोग करना आ गया उसकी जिंदगी सुनहरी, सुहानी, सतरंगी बन जाती है। हम हमारे शरीर पर भी निगाह डालें तो पाएंगे कि प्रत्येक इंद्रियां परमात्मा ने दो बनाई है। चाहे आंख हो, नाक हो, हाथ हो या कान हो परंतु काम सबको एक ही दिया है।
परमात्मा ने जीभ एक बनाई है, परंतु काम दो बताए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक इंद्रियों में हड्डियां बनाई है लेकिन विनीत बनने के लिए, नरमपंथी रहने के लिए इसे हड्डी विहीन बनाया है। किसी भी इंद्रिय के लिए चौकीदार की नियुक्ति नहीं की है। इससे जीभ का महत्व प्रदर्शित होता है। इसी जीभ से हम संसार को मित्र भी बना सकते हैं। शब्दों का दुरुपयोग होने पर शत्रु भी बन सकते हैं।
परमात्मा ने जीभ एक बनाई है, परंतु काम दो बताए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक इंद्रियों में हड्डियां बनाई है लेकिन विनीत बनने के लिए, नरमपंथी रहने के लिए इसे हड्डी विहीन बनाया है। किसी भी इंद्रिय के लिए चौकीदार की नियुक्ति नहीं की है। इससे जीभ का महत्व प्रदर्शित होता है। इसी जीभ से हम संसार को मित्र भी बना सकते हैं। शब्दों का दुरुपयोग होने पर शत्रु भी बन सकते हैं।