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महज दिखावे का है सरकारी डेंगू जांच शुल्क

locationबैंगलोरPublished: Oct 14, 2017 05:19:10 am

निजी अस्पताल डेंगू परीक्षण के लिए 250 रुपए से अधिक का शुल्क नहीं वसूल सकते जबकि सरकारी अस्पतालों में जांच के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है

dengue

निखिल कुमार

बेंगलूरु. निजी अस्पताल डेंगू परीक्षण के लिए 250 रुपए से अधिक का शुल्क नहीं वसूल सकते जबकि सरकारी अस्पतालों में जांच के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।

इसके बावजूद कई निजी अस्पताल सरकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। सरकार ने नियम बनाया लेकिन निगरानी की व्यवस्था नहीं की। कई अस्पताल प्रबंधनों ने सरकारी शुल्क को अव्यावहारिक बताते हुए कहा कि २५० रुपए में जांच संभव नहीं है। इतने में तो जांच किट की कीमत भी नहीं निकलती है। लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने की बात कह स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है।


उपचार कराएं या शिकायत करें
सरकारी उदासीनता का खामियाजा लाचार मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीजों और परिजनों का कहना है कि बीमारी के समय में वे उपचार कराएं या फिर अस्पताल से लड़ाई करें। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि नियम-कानून सख्ती से लागू करे। न कि लिखित शिकायत मिलने का इंतजार करते रहे।


सबकी अपनी-अपनी
राष्ट्रीय मच्छरजनित बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम के उप निदेशक डॉ. प्रकाश कुमार बीजी ने निजी अस्पताल प्रबंधनों का यह तर्क खारिज कर दिया है कि २५० रुपए में किट की कीमत तक नहीं निकली। उन्होंने बताया कि यूटी खादर जब स्वास्थ्य मंत्री थे तो लगभग सभी प्रमुख अस्पतालों व जांच लैब के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श के बाद ही २५० रुपए जांच शुल्क निर्धारित हुआ था। संबंधित प्रतिनिधियों ने रजामंदी भी दी थी। बैठक में शामिल कई चिकित्सकों का कहना है कि बैठक एकतरफा थी। विभिन्न अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद थे, पर किसी की एक नहीं चली।

इस तरह तय किया शुल्क
डॉ. प्रकाश ने बताया कि डेंगू के लिए डेंगू रैपिड टेस्ट किट व एलिसा (एंजाइम लिंक्ड इम्यूनोसॉबेंट एसे) जांच किट का उपयोग होता है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन व भारत सरकार ने डेंगू रैपिड टेस्ट किट को प्रस्तावित नहीं किया है क्योंकि एलिजा जांच अधिक विश्वसनीय है। एलिजा किट का उपयोग डेंगू ही नहीं बल्कि अन्य वायरल बीमारियों में भी होता है। प्रति जांच पर करीब ११० रुपए का खर्च आता है। अन्य खर्च के लिए अलग से ४० रुपए की छूट दी गई। जो कि १५० रुपए होते हैं। १०० रुपए का लाभ देते हुए जांच शुल्क २५० रुपए निर्धारित की गई।

फिर भी ९,००० रुपए का लाभ
डॉ. प्रकाश के अनुसार किट की कीमत १२-१५ हजार रुपए है। एक किट से करीब ९६ नमूने जांचे जा सकते हैं मतलब २४,००० रुपए खर्च आता है। किट की कीमत १५,००० रुपए भी मान लें तो अस्पतालों को प्रति किट ९,००० रुपए का फायदा है। इसलिए यह कहना गलत है कि २५० रुपए में किट नहीं आती।

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