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ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के नए कानून से लगेगा भारी जुर्माना

locationबैंगलोरPublished: Sep 01, 2018 10:58:55 pm

शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) नियमों को सख्ती से लागू करने के अपने प्रयासों में विफल होने के बाद बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) अब नियम उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने की योजना बना रहा है, जिसमें घरेलू ओर थोक अपशिष्ट उत्सर्जक दोनों को शामिल किया जाएगा।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के नए कानून से लगेगा भारी जुर्माना

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के नए कानून से लगेगा भारी जुर्माना

बेंगलूरु. शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) नियमों को सख्ती से लागू करने के अपने प्रयासों में विफल होने के बाद बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) अब नियम उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने की योजना बना रहा है, जिसमें घरेलू ओर थोक अपशिष्ट उत्सर्जक दोनों को शामिल किया जाएगा।


मौजूदा समय में कचरा पृथक्करण नहीं करने वाले घरेलू उपयोगकर्ताओं पर १०० रुपए जुर्माने का प्रावधान है, जबकि थोक और वाणिज्यिक अपशिष्ट उत्सर्जकों पर ५०० रुपए जुर्माना लगाया जाता है। वहीं दोबारा उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना राशि को बढ़ाकर १०० रुपए से ५०० रुपए और ५०० रुपए से १००० रुपए लिया जाता है। हालंाकि, इन नियमों और जुर्माने का प्रावधान रहने के बाद भी अपशिष्ट का वैज्ञानिक संग्रहण, प्रसंस्करण और निपटान करने के प्रयास व्यर्थ साबित हुए हैं।


अपशिष्ट प्रबंधन नियम को सख्त बनाने की योजना के बाद तहत अब बीबीएमपी मौजूदा कानूनों को बदलने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए नगरीय प्रशासन निदेशालय (डीएमए) को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था का मसौदा भेजा गया है, जो राज्य के सभी शहरी स्थानीय निकायों के लिए कानून की रूपरेखा तय करेगा, जिसमें बीबीएमपी सहित ११ नगर निगम भी शामिल होंगे और नए कानून और नियम का आधार ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम-२०१६ होगा।


यह पहली बार है कि राज्य सरकार डीएमए के तहत एक कानून ला रही है, जो अपशिष्ट प्रबंधन के सभी पहलुओं पर कानूनी और नियामक ढांचा देगा। वहीं राज्य में मौजूदा एसडब्ल्यूएम नीति एसडब्ल्यूएम नियम-२००६ पर आधारित है।


हालंाकि, अपशिष्ट प्रबंधन पर एसडब्ल्यूएम नियम-२०१६ (जो राष्ट्रीय नीति है) को आधार पर बनाकर डीएमए राज्य के लिए नीति तैयार करेगा। मसौदे में प्रस्ताव किया गया है कि सभी स्थानीय निकाय अपशिष्ट संग्रहण, परिवहन, प्रसंस्करण एवं निपटान के लिए उपयोगकर्ता शुल्क को अनिवार्य करें। साथ ही शुल्क को प्रति वर्ष १० प्रतिशत बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। किसी बड़े आयोजन जिसमें १००० से ज्यादा लोगों की उपस्थिति होगी, इसके लिए स्थानीय निकाय से आयोजन की अनुमति लेने को अनिवार्य करने का प्रस्ताव है जो अपशिष्ट विभाजन को भी सुनिश्चित करेगा।

२५०० से १० लाख तक होंंगे जुर्माने
नियमों को सख्ती से पालन कराने के लिए जुर्माने की भारी भरकम राशि लगाने का प्रस्ताव है। इसमें मौके पर जुर्माना से लेकर १० प्रकार के उल्लंघनों पर जुर्माने का प्रस्ताव है जो २५००० रुपए से लेकर ४० हजार रुपए के बीच में व्यक्तिगत जुर्माने के रूप में होगा, जबकि वृहद अपशिष्ट उत्सर्जकों पर १० लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रस्ताव है।

नियम अपनाने को लेकर मतभेद
बीबीएमपी का कहना है कि वे डीएमए की अंतिम अधिसूचना जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। एक बार अंतिम अधिसूचना जारी हो जाए तो उसके बाद नियमों का बारीकी के साथ अध्ययन किया जाएगा और अगर इन नियमों को बीबीएमपी क्षेत्राधिक ार में लागू करने पर सहमति बनती है तब इसे अपनाया जाएगा। इसके बाद बीबीएमपी परिषद की बैठक में इसमें पार्षदों की चर्चा के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जानकारों का कहना है कि डीएमए के कानून का दायरा १० लाख तक की आबादी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जबकि बेंगलूरु जैसे शहर में एक करोड़ की जनसंख्या है। ऐसे में आबादी का दस गुणा ज्यादा प्रतिशत इस कानून को बेंगलूरु में लागू करने में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

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