बहुत बार तो ऐसा होता है कि मोड़ गुजर जाने के बाद ही हमें पता चलता है कि हम किसी मोड़ से गुजरे हैं। बहुत बार ऐसा भी होता है कि मोड़ गुजर जाने के बाद भी हमें पता नहीं चलता कि हम किसी मोड़ से गुजरे हैं।
जीवन एक निर्णय से नहीं चलता। विभिन्न परिस्थितियों में परस्पर विरोधी निर्णय भी लेने होते हैं। कभी प्यार से पुचकारना होता है तो कभी लाल आंखें करते हुए डांटना भी होता है। हमें परिस्थितियां देख कर निर्णय करना होता है तो परिस्थितियों के आधार पर निर्णय बदलना भी होता है। परिस्थिति केवल वर्तमान का बोध कराती है। जबकि निर्णय करते वक्त हमें केवल वर्तमान ही देखना नहीं होता।
जो तीनों कालों को टटोल कर निर्णय करता है, वह जीतता है। विजय की यही परिभाषा है।