रेल प्रशासन के अनुसार मानसून को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं कर सभी स्टेशन प्रबंधकों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। कई स्थानों पर तेज बारिश होने की स्थिति में ट्रेक-पुल के नीचे तेज बहाव के कारण मिट्टी निकल जाती है और ऐसी स्थिति में ट्रेन का चलना सुरक्षित नहीं रहता है। ऐसे स्थानों को पूर्व अनुभवों के आधार पर पहचान कर चिन्हित किया गया है। जहां निगरानी के लिए कर्मचारी की नियुक्ति के साथ ही नियमित निरीक्षण किया जाएगा।
पानी निकासी की जगहों पर सफाई की गई है। पहाड़ी क्षेत्र में चट्टानें खिसकने की आशंकाओं के मद्देनजर विशेष निगरानी शुरू की है। जरूरत अनुसार जेसीबी, ट्रैक्टर के इंतजाम भी किए हैं। प्रत्येक मंडल पर सेमीनार के माध्यम से गैंगमैन, कीमैन, पेट्रोलमैन, मेट तथा सुपरवाइजर को बारिश में कार्य करने के तरीके समझाए गए हैं।
सिग्नल संबंधी रिले रूम, पॉवर रूम, बैटरी रूम, एक्सल काउंटर रूम तथा पैनल रूम के निरीक्षण सुनिश्चित किए हैं। स्टेशनों पर विद्युत आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जेनरेटर की व्यवस्था की गई है। पानी भरने से ट्रैक सर्किट ठप होने से रोकने के उचित प्रबंध किए हैं। इंजनों में आवश्यक उपकरण नियमित जांच होंगे। मालगाडिय़ों को तिरपाल से ढकने का प्रावधान किया है। चिह्नित स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में मिट्टी के कट्टे, गिट्टी, गार्डर, रस्सी आदि की व्यवस्था की गई है। ताकि इस मौसम में रेलगाडिय़ों का संचालन संरक्षित तरीके से निर्बाध हो सके।
———- विजयनगर संयंत्र की विनिर्माण क्षमता बढ़ाएगी जेएसडब्ल्यू स्टील
बेंगलूरु. जेएसडब्ल्यू स्टील ने अपनी स्टील विनिर्माण इकाई जेएसडब्ल्यू विजयनगर वक्र्स की क्षमता बढ़ाने की घोषणा की है। कंपनी इस इकाई की वर्तमान वार्षिक 1.20 करोड़ टन क्षमता को 1.30 करोड़ टन तक बढ़ाएगी। क्षमता विस्तार के मार्च-2020 तक पूरा होने की संभावना है। गौरतलब है कि वार्षिक 1.20 करोड़ टन क्षमता के साथ वर्तमान में जेएसडब्ल्यू विजयनगर वक्र्स भारत में सबसे बड़ी एकल स्टील विनिर्माण इकाई है।
बेंगलूरु. जेएसडब्ल्यू स्टील ने अपनी स्टील विनिर्माण इकाई जेएसडब्ल्यू विजयनगर वक्र्स की क्षमता बढ़ाने की घोषणा की है। कंपनी इस इकाई की वर्तमान वार्षिक 1.20 करोड़ टन क्षमता को 1.30 करोड़ टन तक बढ़ाएगी। क्षमता विस्तार के मार्च-2020 तक पूरा होने की संभावना है। गौरतलब है कि वार्षिक 1.20 करोड़ टन क्षमता के साथ वर्तमान में जेएसडब्ल्यू विजयनगर वक्र्स भारत में सबसे बड़ी एकल स्टील विनिर्माण इकाई है।
क्षमता विस्तार की योजना की बुधवार को घोषणा करते हुए कंपनी ने कहा कि इस मद में 7500 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और मार्च-2020 तक इसे क्रियान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी ने कई अन्य उन्नयन और विकास परियोजनाएं भी लांच की हैं, जिनकी वजह से लंबी अवधि में परिचालन में पर्याप्त लागत बचत होगी। जेएसडब्ल्यू के उप प्रबंध निदेशक विनोद नोवाल ने कहा कि विजयनगर संयंत्र में क्षमता विस्तार होने से कंपनी की उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी और भविष्य के लिए प्रभावी विनिर्माण सुनिश्चित होगा।