scriptकर्म बंधन का मूल कारण राग-द्वेष-साध्वी भव्यगुणाश्री | The root cause of karma bondage | Patrika News
बैंगलोर

कर्म बंधन का मूल कारण राग-द्वेष-साध्वी भव्यगुणाश्री

धर्मसभा का आयोजन

बैंगलोरSep 21, 2021 / 07:38 am

Yogesh Sharma

कर्म बंधन का मूल कारण राग-द्वेष-साध्वी भव्यगुणाश्री

कर्म बंधन का मूल कारण राग-द्वेष-साध्वी भव्यगुणाश्री

बेंगलूरु. मुनिसुव्रत स्वामी जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ केंटोनमेंट में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि जिससे राग होगा, उसमें बुराइयां नजर नहीं आएंगी, जिससे द्वेष होगा और उसमें अच्छाई नजर नहीं आएगी। साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि राग और द्वेष से मुक्त हुए बिना सम्यक ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कर्म बंधन का मूल कारण ही राग और द्वेष है। इनके वशीभूत होकर आत्मा दुर्गति में जाती है। साध्वी ने बताया कि द्वेष से अनंत गुणा ज्यादा खतरनाक है राग, मीठा जहर है। जन्मांध से राग में अंधा बना हुआ स्व और पर का कट्टर शत्रु है। साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि निष्पक्ष चिंतन और ज्ञान ही सन्मार्ग प्रदान कर सकता है। आत्मा उत्थान में सहयोगी बन सकता है। मोहनलाल बोहरा ने बताया कि बाहर गांव से दर्शनार्थियों का मेला लगा हुआ है। मुनिसुव्रत स्वामी जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ केंटोनमेंट संघ सभी पधारे हुए।

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