भारतीय ताराभौतिकी संस्थान के प्रोफेसर (सेनि) रमेश कपूर ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से प्रात: काल आकाश में पूर्व दिशा की ओर सूर्योदय से लगभग एक घंटा पूर्व पांच ग्रहों को लगभग एक रेखा में देख सकते हैं। यह एक अनूठा संयोग है। यह 26 जून की सुबह तब और अद्वितीय हो जाएगा जब चंद्रमा अपनी कक्षा में आगे बढ़ते हुए शुक्र के बेहद करीब आ जाएगा। दोनों चमकीले पिंडों के बीच की दूरी 3 डिग्री के आसपास रह जाएगी।
उन्होंने कहा कि चांद और शुक्र के इस खूबसूरत मिलन के साक्षी होंगे बुध, शुक्र मंगल और बृहस्पति जो कोरी आंख से नजर आएंगे। ग्रहों का खूबसूरत योग इसलिए भी थोड़ा अनूठा है क्योंकि, ये सभी ग्रह सूर्य से दूरी के हिसाब से कतारबद्ध हैं। यानी, सूर्य के के निकटता के हिसाब से क्रमश: बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि एक-दूसरे के बाद आते हैं और आसमान में इसी क्रम में पंक्तिबद्ध हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस नजारे को देखने के लिए दूरबीन की भी जरूरत नहीं है। चूंकि, बुध ग्रह सूर्य से अपनी अधिकतम कोणीय दूरी के आसपास है इसलिए उसे ढूंढने में कोई मुश्किल नहीं होगी। सभी ग्रह अन्य तारों के मुकाबले अच्छी चमक रखते हैं। ग्रहों का इस तरह एक-दूसरे के निकट नजर आना महज एक संयोग है। वास्तव में इन ग्रहों की आपसी दूरियां करोड़ों किमी है।