कोरोना के कारण यह उम्मीद भी खत्म हो गई। इस मामले की पहले जांच किए विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कंपनी के मालिक मोहम्मद मंसूर की 450 करोड़ रुपयों से अधिक की संपत्ति जब्त की थी।
सक्षम प्राधिकरण के अधिकारियों ने इन संपत्तियों की नीलामी कर निवेशकों को उनकी राशि लौटाने का फैसला किया था। निवेशकों ने पहले कॉमर्शियल स्ट्रीट पुलिस थाने में शिकायत दर्र्ज कराई थी। सबूत के तौर पर उनका आधार कार्ड, निवेश से संबंधित रसीद, पास बुक और अन्य दस्तावेजों को पेश किया था। फिर निवेशकों के लिए आईएएम एप जारी कर निवेशकों की पहचान करने की प्रकिया शुरू की थी।
एक सप्ताह में यह कार्य पूरा होने वाला था कि लॉकडाउन की घोषणा की गई। आईएमए मामले को शीघ्र निपटाने के लिए गठित विशेष न्यायालय में सुनवाई नहीं हो रही है। आरोपी मंसूर ने आयकर विभाग को 100 करोड़ रुपए भुगतान किया था। सक्षम प्राधिकरण ने यह राशि आयकर विभाग से वापस लेकर निवेशकों को वापस देने का फैसला लिया था। यह प्रकिया भी बन्द हो गई है।
आरोपी की जमानत याचिका भी लंबित
आरोपी मंसूर खान ने जमानत के लिए सीबीआई के विशेष न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दाखिल की है। कोरोना के कारण याचिका भी लंबित है।