scriptमामूली बारिश में ही गिर गई ब्रिम्स अस्पताल की छत | The terrace of the Brims Hospital fell into a modest rain | Patrika News

मामूली बारिश में ही गिर गई ब्रिम्स अस्पताल की छत

locationबैंगलोरPublished: Jun 10, 2019 11:25:53 pm

ब्रिम्स अस्पताल हर दिन किसी न किसी कारण चर्चा में रहता है। इस बार चर्चा बीदर मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (ब्रिम्स) अस्पताल के गेट की छत गिरने की हो रही है।

मामूली बारिश में ही गिर गई ब्रिम्स अस्पताल की छत

मामूली बारिश में ही गिर गई ब्रिम्स अस्पताल की छत

बीदर. ब्रिम्स अस्पताल हर दिन किसी न किसी कारण चर्चा में रहता है। इस बार चर्चा बीदर मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (ब्रिम्स) अस्पताल के गेट की छत गिरने की हो रही है। बीते शुक्रवार को देर शाम हुई कुछ ही मिनटों की बारिश में अस्पातल के गेट नंबर एक के सामने की छत गिर गई। इस हादसे में कोई बड़ा नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।

दूसरी ओर कई सामाजिक कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधियों ने सिर्फ साल भर पहले हुए अस्पताल परिसर के निर्माण पर सवाल उठाए हैं। लोगों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन व निर्माण से जुड़े अधिकारियों की मिलीभगत के कारण गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं हुआ और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। शुक्रवार को हुए इस हादसे के बाद अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती मरीजों में भय छाया हुआ है।

कुछ माह पूर्व ही अस्पताल की लिफ्ट अचानक बंद हो गई थी, जिसमें ११ लोग फंस गए थे। दूसरी ओर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों की ओर से मरीजों व उनके परिजनों से भी आए दिए बुरा बर्ताव किया जाता है। इस तरह की खबरें आए दिन सुनने को मिलती हैं। ब्रिम्स अस्पाताल को वर्ष 2004-2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. एन. धर्म सिंह ने मंजूरी दी थी।

उसके बाद बी.एस. येड्डियूरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इस कार्य को आगे बढ़ाया और अंत में वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या सरकार के कार्यकाल में 13 अगस्त 2017 को मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने अस्पताल की इस इमारत का उद्घाटन किया। वर्ष 2018 में ब्रिम्स से लगे जिला सरकारी अस्पताल का इसमें विलय कर इसे आम जनता को लोकार्पित किया गया। ब्रिम्स अस्पताल में 450 बैड की क्षमता है। अस्पताल आधुनिक सुविधाओं से पूरी तरह लैस है। इसके निर्माण में कुल 110 करोड़ की लागत आई है।

बालिकाओं ने सीखे स्मार्ट बनने के गुर
बेंगलूरु. भारतीय जैन संघठना के तत्वावधान में चामराजपेट जैन स्थानक में दो दिवसीय स्मार्ट गल्र्स कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें 55 बालिकाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यशाला में बालिकाओं को हर परिस्थिति में मजबूत बनने, खुद को आगे बढ़ाने, बड़ों का सम्मान करने, करियर बनाने आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका आशा छाजेड़ ने निभाई।

प्रायोजक अशोककुमार महेन्द्रकुमार रांका परिवार थे। इस अवसर पर रीजन सचिव रमेश बोहरा, मधु गोलेछा, दिलीप पिरगल, पुष्पा लुंकड़, सरस्वती बाफना, राणमल गुलेच्छा आदि व्यक्ति उपस्थित थे।

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