यहां शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में एएससी सेंटर एवं कॉलेज के उप कमांडेंट एवं मुख्य प्रशिक्षक मेजर जनरल एनएस राजपुरोहित ने कहा कि वर्ष 2003 से हर वर्ष आयोजित किया जा रहा यह पोलो टूर्नामेंट इस बार टीमों की भागीदारी के लिहाज से सबसे बड़ा टूर्नामेंट साबित होगा।
अभी तक चार टीमों एएससी, आरवीसी, 61 कैवेलरी और चेन्नई मैसूर टाइगर्स की भागीदारी सुनिश्चित हो चुकी है जबकि 6 से अधिक टीमों के शामिल होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि चार अलग-अलग टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले 16, 20, 23 और 25 अगस्त को खेले जाएंगे। टूर्नामेंट के सभी मैच नॉक आउट होंगे। एएससी सेंटर एवं कॉलेज के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल विपिन गुप्ता की अगुवाई में एएससी पूरे दक्षिण भारत में पोलो खेल को बढ़ावा देगा और उसे लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि एएससी सेंटर ने देश के कई मशहूर पोलो खिलाडिय़ों को तैयार किया। हाल ही में विश्व कप पोलो टीम में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रणव कपूर एएससी सेंटर से ही प्रशिक्षित होकर इस ऊंचाई तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि खेलों का शहंशाह और शहंशाहों का खेल कहे जाने वाले इस पोलो के रोमांच से शहर के नागरिक भी रूबरू होंगे। बेंगलूरु में इस खेल को काफी सराहा जाता है और उम्मीद है कि इसके प्रति दिलचस्पी रखने वाले इस बार भी भारी संख्या में एएससी पहुंचेंगे।
इस बार पोलो टूर्नामेंट में देश के कई मशहूर खिलाड़ी जो भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं खिताबी जंग में एक-दूसरे को पछाडऩे की कोशिश करते नजर आएंगे। कर्नल एनएस संधू, लेफ्टिनेंट कर्नल रवि राठौड़ जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं। इस बार रात की दुधिया रोशनी में भी 19 अगस्त को एक मैच खेला जाएगा।
टूर्नामेंट के आयोजन की जिम्मेदारी एएससी ट्रेनिंग सेंटर (उत्तर) के कमांडेंट ब्रिगेडियर पीयूष बिष्ट और उनकी टीम संभाल रही है, वहीं उत्कृष्ट पोलो खिलाड़ी रहे कर्नल शक्तिसिंह राठौड़ इस बार टूर्नामेंट को सफल बनाने में योगदान दे रहे हैं।