उन्होंने कहा कि इस दिशा में सबी कर संग्रहण विभागों का कार्य प्रवृत होना सराहनीय है। कर अधिकारियों को जनस्नेही बनकर काम तो करना चाहिए लेकिन नागरिकों से जो कर वसूल किया जाना है उसमें किसी तरह की रियायत बरते बगैर बकाया करों की वसूली कड़ाई से की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वाणिज्य कर विभाग ने पिछले अप्रेल माह से लेकर अगस्त 2018 तक कुल 28,537 करोड़ रुपए का कर संग्रहीत किया है और हमें सितम्बर से लेकर मार्च तक कुल 38 ,38 3करोड़ रुपए एकत्रित होने की उम्मीद है जो पिछले वर्ष की तुलना में 18 .7 फीसदी अधिक होगा।
उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग के लिए कुल 19,750 करोड़ रुपए का वार्षिक लक्ष्य तय किया गया है। अगस्त माह के अंत तक विभाग न 8 150.45 करोड़ रुपए का कर एकत्रित किया है जो पिछले साल की तुलना में 996 .73 करोड़ रुपए अधिक है। इसी तरह परिवहन विभाग ने पिछले अगस्त माह के अंत तककुल2377.6 7 करोड़ रुपए का कर एकत्रित किया है जो पिछले साल की तुलना में 16 1.15 करोड़ रुपए अधिक है। इसी तरह पंजीयन व मुद्रांक विभाग ने अगस्त के अंत तक के 4300करोड़ रुपए के लक्ष्य की तुलना में कुल 4,332 करोड़ रुपए का कर एकत्रित किया है और यह विभाग कर जुटाने में तीसरे स्थान पर है।
खान व भू- विज्ञान विभाग के लिए कुल 3000 करोड़ रुपए का कर जुटाने का वार्षिक लक्ष्य तय किया गया है और विभाग ने जुलाई माह के अंत तक कुल 728 .15 करोड़ रुपए एकत्रित किए हैं। बैठक में मुख्यमंत्री के वित्तीय सलाहकार डा. सुुब्रमण्या, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएसएन प्रसाद, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सचिव ई.वी. रणरेड्डी के अलावा विभिन्न विभागों के आयुक्त भी उपस्थित थे।