scriptथमे रहे बसों के पहिए, भटकती रही सवारियां | The wheels of the buses are staying, the riders kept wandering | Patrika News

थमे रहे बसों के पहिए, भटकती रही सवारियां

locationबैंगलोरPublished: Apr 11, 2021 06:48:47 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

सख्ती बेअसर: चौथे दिन भी जारी रही हड़ताल

थमे रहे बसों के पहिए, भटकती रही सवारियां

थमे रहे बसों के पहिए, भटकती रही सवारियां

बेंगलूरु. सरकार के सख्त रवैये के बावजूद चारों सरकारी परिवहन निगमों के हड़ताली कर्मचारियों पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

सरकार ने शुक्रवार को कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही वेतन वृद्धि से जुड़े मामले को भी औद्योगिक विवाद निपटारा पंचाट को सौंप दिया था।
सरकार के इस कदम के बावजूद शनिवार को चौथे परिवहन निगम कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही। सरकारी बसों का परिचालन नहीं होने के कारण युगादि से पहले सप्ताहांत पर लोगों को सफर करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
हालांकि, ड्यूटी पर आए कुछ कर्मचारियों की मदद से सरकारी निगमों ने विभिन्न इलाकों में कुछ बसों का परिचालन किया। लेकिन, बड़े पैमाने पर सेवाएं बाधित ही रहीं।

इस बीच, बेलगावी पुलिस ने हड़ताली कर्मचारियों के नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर को हिरासत में ले लिया। निगमों में हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी तेज हुई है।
बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम ने शनिवार को 118 प्रशिक्षु और प्रवीक्षा कर्मचारियों को हटाया जबकि पिछले दो दिनों में निगम 216 कर्मचारियों को सेवा से हटा चुका है निगम ने 55 साल से अधिक आयु के 1772 कर्मचारियों को फिटनेस सर्टिफिकेट जमा कराने के लिए कहा है।
सर्टिफिकेट जमा नहीं कराने पर इन कर्मचारियों जबरन सेवानिवृत करने की कार्रवाई की जाएगी। राज्य परिवहन निगम ने बसों के परिचालन में व्यवधान डालने के आरोप में 88 कर्मचारियों के तबादले किए हैं।

सरकार की सख्ती के बाद शनिवार को ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई। शाम 6 बजे तक चारों परिवहन निगमों ने 1467 बसों का परिचालन किया जबकि शुक्रवार को सिर्फ 855 बसों का ही परिचालन हो पाया था।

युगादी पर घर जाने वाले परेशान
राज्य में नए संवत्सर का पर्व युगादी मंगलवार को मनाया जाएगा। काफी संख्या में लोग शनिवार और रविवार को अपने गांव या शहर जाते हैं।

युगादी के कारण ऐसे यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है लेकिन सरकारी बसों का परिचालन नहीं होने के कारण लोगों को काफी बसों का परेशानी का सामना करना पड़ा।
कई यात्रियों ने निजी बसों के अधिक किराया वसूली करने की शिकायतें भी की। परिहवन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निजी बसों पर निर्भरता के कारण ज्यादा सख्ती बरतना संभव नहीं हो रहा है।
अपने गृह नगर जाने के लिए बस अड्डे पर पहुंचे लोगों को सरकारी बसें नहीं चलने के कारण निजी बस ऑपरेटरों की लूट का शिकार बनना पड़ रहा है।

रेलवे ने कुछ ट्रेनें चलाने की घोषणा की है लेकिन वह बसों की कमी को पूरा नहीं कर पा रही। राज्य के चार सड़क परिवहन निगमों के कर्मचारी चार दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
कर्मचारी छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन देने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार ने दो टूक इनकार कर दिया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो