स्व परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन होगा-देवेन्द्र सागर
बैंगलोरPublished: Oct 15, 2019 04:44:09 pm
अक्कीपेट में धर्मसभा
स्व परिवर्तन से ही विश्व परिवर्तन होगा-देवेन्द्र सागर
बेंगलूरु. चाहे जीवन में कितने भी उतार-चढव आएं, हमें बस निरंतर चलना है, नदी का पानी अगर बहता ही रहता है तो स्वच्छ निर्मल रहता है, अगर वह पानी बहने के जगह रुक जाए तो वह पानी एक तालाब का रूप ले लेता है और यही रुकावट एक दिन गन्दा पानी में तब्दील हो जाता है।यह बात आचार्य देवेंद्रसागर ने मंगलवार को धर्मसभा में कही। उन्होंने कहा कि नदी का हर मोड़ के साथ बहना ही उसका निरंतर परिवर्तन है, ठीक हमारा जीवन भी समय के साथ परिवर्तित होते रहता है। उस समय की परिस्थिति से अपनी स्थिति का तालमेल रखने के लिए हमें अपने आप में परिवर्तन लाना आवश्यक है। इसलिए हमें परिवर्तन से डरना नहीं चाहिए, बल्कि परिवर्तन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए तभी सफलता हासिल होगी। उन्होंने कहा कि परिवर्तन का अंतराल थोड़ा कठिनाई भरा जरूर होता है, लेकिन हम परिवर्तन से डरे तो उन्नति भी बिना परिवर्तन संभव नहीं है। हम दूसरों की अच्छाई के बदले अवगुण को उठाते हंै, वास्तव में हमें चाहिए की, कमी-कमजोरी स्वयं में तलाश कर उसे तुरंत निकाल देना चाहिए और दूसरों मे जो अच्छाई है उसे उठाना चाहिए, एक हंस जो है वह हमेशा कीचड़ से मोती चुगता है और कौआ सिर्फ गन्दगी पसंद करता है। अंत में आचार्य ने कहा कि अगर हम स्वयं बदलेंगे तो सारा परिवार बदलेगा, परिवार बदलेगा तो सारा समाज बदलेगा, समाज बदलेगा तो देश बदलेगा और देश बदलेगा तो एक दिन यह विश्व बदलेगा आखिर परिवर्तन की डोरी हमारे हाथ में है। बस शुरुआत मेरे से हो ..हम अपने में जरूर परिवर्तन ला सकते हैं। स्वयं को चेक करो कि मेरी कहां गलती हो रही है। मेरे में कौनसे अवगुण हैं उसे बाहर तुरंत निकालो ,स्वयं को चेक करो और चेंज करो एक कहावत भी है ऐसे नर करनी करे तो नर नारायण होय।