scriptहर सूर्यास्त में एक सूर्योदय है-आचार्य देवेन्द्रसागर | There is a sunrise in every sunset - Acharya Devendrasagar | Patrika News

हर सूर्यास्त में एक सूर्योदय है-आचार्य देवेन्द्रसागर

locationबैंगलोरPublished: Nov 23, 2021 08:39:20 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

धर्मसभा का आयोजन

हर सूर्यास्त में एक सूर्योदय है-आचार्य देवेन्द्रसागर

हर सूर्यास्त में एक सूर्योदय है-आचार्य देवेन्द्रसागर

बेंगलूरु. आचार्य देवेंद्रसागर सूरी ने जयनगर के राजस्थान जैन संघ में स्थिरता के दौरान प्रवचन में कहा कि हर सूर्यास्त में एक सूर्योदय है। अस्त केवल सूर्य होता है, सब कुछ नहीं। थोड़ी प्रतीक्षा, थोड़ा धैर्य उसके बाद चंद्रमा की स्निग्ध शीतल चांदनी का अभ्युदय। ऐसे ही हार भी हमारे प्रयासों का अंत नहीं है। जीवन में जीत, सफलता या लक्ष्य प्राप्ति का बड़ा ही महत्व होता है। लेकिन हमें अपनी हार से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जीत हमें खुशी देती है, हार हमें ज्ञान देती है। कुछ भी जीतने से पहले अपने को जीतना जरूरी है। जिसने संसार को बदलने की कोशिश की वह हार गया और जिसने खुद को बदल लिया वह जीत गया। अपनी खराब आदतों पर जीत हासिल करने के समान जीवन में कोई भी दूसरा आनंद नहीं होता है। विषम स्थिति में भी व्यवहार संतुलित रहे, क्योंकि जीवन में जब कभी विषम परिस्थितियां आती हैं, तब ज्ञान हार सकता है, पर संस्कारित और संतुलित व्यवहार से हमेशा जीत होने की संभावना रहती है। पूरी दुनिया जीत सकते हैं संस्कार से और जीता हुआ भी हार सकते हैं अहंकार से। उन्होंने कहा कि मन में विश्वास रखें तो कोई हार नहीं सकता पर मन में शंका रहे कोई जीत नहीं सकता। जिंदगी हमें रोने के सौ मौके देती है तो मुस्कुराने के भी हजार बहाने देती है। प्रकृति ने हर चीज का एक जोड़ा बनाया हुआ है। रात और दिन, अंधेरा और उजाला, गोरा और काला, अच्छा और बुरा, उत्थान और पतन, हार और जीत। श्वसन क्रिया में भी अनुलोम विलोम। सभी को इन दो परस्पर विरोधी चीजों के बीच संघर्ष करते रहना होता है। संघर्ष अकेले ही करना होता है। भीड़ तो उमड़ती है जीत जाने के बाद। बस इतना सा हुनर सीखना है जमीन पर रहकर आसमान को जीतना है। दूसरों को समझना बुद्धिमानी है, खुद को समझना असली ज्ञान है। दूसरों को काबू करना बल है और खुद को काबू करना वास्तविक शक्ति।
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