स्वाध्याय के समान कोई तप नहीं: मुनि रश्मि कुमार
बैंगलोरPublished: Sep 13, 2023 09:46:31 pm
मैसूरु. मुनि रश्मि कुमार ने पर्युषण पर्व के द्वितीय दिवस पर अग्रहार स्थित तेरापंथ भवन में स्वाध्याय दिवस पर कहा कि भगवान महावीर ने मन को एकाग्र करने के लिए स्वाध्याय को सर्व सुलभ और आत्म शुद्धिकारक तप के 12 अंगों में से एक महत्त्वपूर्ण अंग बतलाया है। वृहत् कल्प के अनुसार स्वाध्याय के समान कोई तप नहीं है। स्वाध्याय की विस्तृत महिमा व प्रचलन के पीछे रहस्य यह है कि पुस्तकों की संगति में बैठकर मनुष्य स्वयं को संवारता सुधारता है,जीने की कला सीखता है और उन कुंजियों को पा लेता है जिनसे अनंत ज्ञान व आनंद रूप रत्नों के बंद खजानों के ताले खुल जाते हैं। श्रेष्ठ पुस्तकों का स्वाध्याय, बहुमूल्य रत्नों से बढ़कर कीमती है। चूंकि रत्न बाहरी रूप को निखारते हैं, जबकि स्वाध्याय अंतःकरण को निर्मल बनाता है।