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वाणी में सत्य होना चाहिए-आचार्य महेन्द्रसागर

locationबैंगलोरPublished: Aug 02, 2021 09:40:55 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

धर्मसभा का आयोजन

वाणी में सत्य होना चाहिए-आचार्य महेन्द्रसागर

वाणी में सत्य होना चाहिए-आचार्य महेन्द्रसागर

बेंगलूरु. महावीर स्वामी जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ त्यागराज नगर में विराजित आचार्य महेंद्रसागर सूरी ने कहा कि वाणी में सत्य होना चाहिए। असत्य की मिलावट नहीं होनी चाहिए। घर परिवार में एक ऐसा माहौल खड़ा किया जाए कि सभी सदस्य झूंठ का आश्रय ना लें, बल्कि सत्य ही बोलें। असत्य बोलना पाप है असत्य भाषण गलत है। जब-जब हम सत्य बोले तो अंदर आनंद प्रकट होना चाहिए, और जब-जब झूठ बोलें तो अंतर्मन में पीड़ा उत्पन्न होनी चाहिए। सत्य बोलने वाले की सेहत अच्छी रहती है और उसकी मानसिकता पर भी सत्य का प्रभाव पडऩे से संतुलन बना रहता है। सत्य बोलने का फायदा यह भी रहता है कि हम क्या बोल रहे हैं यह शायद याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। जबकि झूठ बोलने वाले को तो मैंने क्या बोला यह सब कुछ याद रखना पड़ता है। याद रखिए असत्य बोलने का प्रभाव वाले पूरे शरीर तंत्र पर होता है। सच बोलने से कई लाभ होते हैं बुद्धि निर्मल रहती है चित्त निश्चिंत और निर्भय बनता है। सच बोलने वाले का सब विश्वास करते हैं। सच बोलने वाला सभी को प्रिय लगता है। उसकी आबरू प्रतिष्ठा बढ़ती है। इस अवसर पर मुनि राज पद्मसागर ने कहा कि एक उपवास करके शत्रुंजय तीर्थ की घर बैठे भाव यात्रा करने से 30 उपवास करने के बराबर लाभ मिलता है। हम उस तीर्थ में रोज नहीं जा सकते हैं किंतु अपने घर पर रहते हुए भी भाव यात्रा तो कर ही सकते हैं।
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