कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट (Karnataka Transparency in Public Procurements) अधिनियम के प्रावधानों और बोर्डों द्वारा लिए गए निर्णयों के अनुसार सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में पिछली सरकार द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं (निविदा के लिए) का पालन यहां भी किया गया है। इस मामले में सब कुछ खुला हुआ है।
उन्होंने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आरोप लगाना विपक्षी दल का कर्तव्य है, लेकिन जल संसाधन विभाग के सचिव ने सच्चाई स्पष्ट कर दी है। बोम्मई ने कहा कि जब सच्चाई सभी को पता है तो जांच की क्या जरूरत है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच की मांग कांग्रेस नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरामैया ने जहां विश्वनाथ के आरोपों का हवाला देते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से जांच की मांग की, वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने संयुक्त सदन समिति जांच की मांग की है।
विश्वनाथ ने हाल ही में आरोप लगाया था कि भद्रा परियोजना के लिए वित्त विभाग की सहमति के बिना 20,000 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला गया था।