हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में पराजय के कारण उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने का विरोध भी हो रहा था लेकिन जातीय समीकरणों के कारण पार्टी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया था। सवदी को उम्मीद थी कि पार्टी उपचुनाव में उन्हें टिकट दे सकती है लेकिन भाजपा ने पाला बदलकर पार्टी में आए महेश कुमटहल्ली को टिकट दे दिया।
महाराष्ट्र चुनाव में पार्टी ने सवदी को पश्चिमी इलाकों का प्रभारी बनाया था लेकिन भाजपा 18 से सिर्फ दो सीटें ही जीत पाई। इसके बाद पार्टी में भी सवदी के खिलाफ आवाज उठने लगी।
जानकारों का कहना है कि सवदी की विदाई चुनाव परिणाम पर निर्भर करेंगे। रमेश जारकीहोल्ली को उपमुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। पद पर बने रहने के लिए सवदी का 6 माह से पहले किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है।
पार्टी नेताओं ने पिलाई समझाइश की घुट्टी
सवदी ने कहा कि उपचुनाव में अथणी से पार्टी का टिकट नहीं मिलने से वे नाराज नहीं हैं। मेरे राजनीतिक भविष्य के बारे में पार्टी आलाकमान निर्णय करेगा। वे पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में एक कार्यकर्ता के तौर पर प्रचार करेंगे।
सवदी को समझाने के लिए गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री येडियूरप्पा ने उनको अपने निवास पर बुलाकर बातचीत की। इसके बाद शुक्रवार को गृहमंत्री बसवराज बोम्मई के आरटी नगर स्थित निवास पर भाजपा के बेलगावी जिले के नेताओं की बैठक बुलाई गई।
जिसमें बोम्मई सहित पार्टी नेताओं ने उनको समझाया। बैठक के बाद सवदी ने कहा कि वे अथणी से पार्टी के टिकट के प्रबल दावेदार थे। पिछले चुनाव में कम अंतर हार के कारण टिकट मांगी थी। लेकिन अब वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के निर्देशों का पालन करेंगे।