बैंगलोर

पाठ्यक्रम में शामिल होगा अंग्रेजों के खिलाफ इस समुदाय का संघर्ष

कोड़वा समुदाय के सूबेदार गुड्डेमने, अपय्या गौड़ा तथा कदंबाडी रामेगौड़ा की शौर्य गाथा शीघ्र ही स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों में शामिल की जाएगी।

बैंगलोरNov 09, 2019 / 08:10 pm

Santosh kumar Pandey

पाठ्यक्रम में शामिल होगा अंग्रेजों के खिलाफ इस समुदाय का संघर्ष

बेंगलूरु. मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने कहा कि ब्रिटिशों के खिलाफ संघर्ष में बलिदान देने वाले कोड़वा समुदाय के सूबेदार गुड्डेमने, अपय्या गौड़ा तथा कदंबाडी रामेगौड़ा की शौर्य गाथा शीघ्र ही स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों में शामिल की जाएगी।
शनिवार को चामराजपेट स्थित कन्नड़ साहित्य परिषद के सभागार में भारतीय ज्ञानाभिवृद्धि न्यास की ओर से आयोजित ‘1837 का स्वतंत्रता संग्राम’ विषय पर हुई संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि यह संग्राम अमर सुल्या संग्राम के नाम से मशहूर है। ब्रिटिशों ने मडिकेरी तथा सुल्या को तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी में शामिल करने का प्रयास किया था। इस दौरान किए गए संग्राम में कोड़वा समुदाय के सूबेदार गुड्डेमने, अपय्या गौड़ा तथा कदंबाडी रामेगौड़ा ने बलिदान दिया था, लेेकिन इस त्याग तथा शौर्य से भरे इतिहास से मौजूदा युवा पीढ़ी अनभिज्ञ है। इसलिए ऐसे महापुरुषों का प्रेरक इतिहास पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिए। इसके अलावा कित्तूर रानी चेन्नम्मा, चित्रदुर्गा की वोणके ओबव्वा जैसी महिलाओं के इतिहास को भी पाठ्य पुस्तकों में उचित स्थान नहीं मिला।
कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि देश की आजादी के लिए सब कुछ न्यौछावर करने वाले महापुरुषों के त्याग बलिदान का स्मरण करना हमारा दायित्व है। इन महापुरुषों के त्याग बलिदान से ओतप्रोत जीवनी हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। जिससे हमें देश के लिए समाज ेके लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिलती है।
इस अवसर पर आदि चुंचनगिरी मठ के प्रमुख डॉ. निर्मलानंदनाथ स्वामी, उप मुख्यमंत्री डॉ. अश्वथनारायण, राजस्व मंत्री आर. अशोक तथा सांसद शोभा करंदलाजे आदि उपस्थित रहे।

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