कांग्रेस ने विधायक और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली को मैदान में उतारा था। सतीश मार्च के पहले सप्ताह में विवादित सीडी प्रकरण के बाद बीएस येडियूरप्पा मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले रमेश जारकीहोली के छोटे भाई हैं। बेलगाम जिले की राजनीति में जारकीहोली बंधुओं की मजबूत पकड़ रही है।
पांच में से तीन भाई अभी विधायक हैं। सतीश को चुनाव में शिकस्त देने वाली मंगला पहली नेता हैं। करीब तीन दशकों के राजनीतिक सफर में सतीश कभी चुनाव नहीं हारे। भाजपा पांचवीं बार बेलगाम में कमल खिलाने में सफल रही है लेकिन इस बार उसके जीत का अंतर सबसे कम रहा।
बेलगाम की जंग में दोनों ही पार्टियों ने पूरी ताकत झोंकी थी। सतीश ने पहली बार चुनाव लड़ रही मंगला को अंतिम चक्र की मतगणना तक कड़ी चुनौती दी और जीत का अंतर काफी कम रखने में सफल रहे। शुरुआती उतार-चढ़ाव के बाद सतीश ने लगातार मतगणना के कई चक्र तक बढ़त बनाए रखा। पहले 40 चक्र की मतगणना में मंगला का पलड़ा भारी रहा जबकि41वें से 85वें चक्र तक सतीश बढ़त बनाए रखने में कामयाब रहे। लेकिन मगर अंतिम चार चक्रों में मंगला ने फिर वापसी की। अंतत: मंगला 5200 से अधिक मतों से जीत दर्ज करने में सफल रहीं। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (इवीएम) में तकनीकी समस्या के कारण ८४वें और ८५वें चक्र की मतगणना में देरी हुई। एमइएस उम्मीदवार ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किल
पहली बार इस क्षेत्र में एक लाख से अधिक मत मिले लिंगायत और मराठी बहुल इस क्षेत्र में सतीश की चुनौती के साथ ही महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमइएस) के उम्मीदवार ने भी भाजपा की मुश्किल बढ़ाई। बेलगाम लोकसभा क्षेत्र में आने वाले आठ विधान सभा क्षेत्रों में से 6 पर भाजपा का कब्जा है। लेकिन, उसे जीत के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। एमइएस के प्रत्याशी को पहली बार इस क्षेत्र में एक लाख से अधिक मत मिले।
शेले को 1,17,174 मत मिले एमइएस समर्थित निर्दलीय शुभम विक्रांत शेले को 1,17,174 मत मिले। शेले को महाराष्ट्र में सत्तारुढ़ शिवसेना का भी समर्थन हासिल था। 26 वर्षीय शुभम को 2019 के आम चुनाव में सिर्फ 670 मत मिले थे। लेकिन, इस बार भाजपा की मुश्किल बढ़ाने में शुभम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मंगला को 43,07 प्रतिशत, सतीश को 42.56 व शुभम को 11.46 प्रतिशत मत मिले।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी मतों के विभाजन से हुई मुश्किल की बात को स्वीकारते हुए कहा कि सतीश जिले के एक प्रभावी नेता हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या ने सतीश के लिए प्रचार किया। जोशी ने आरोप लगाया कि भाजपा के वोटों के बांटने के लिए कांग्रेस ने एमइएस के उम्मीदवार को मदद की और एक लाख से अधिक वोट लेकर एमइएस ने भाजपा की राह मुश्किल की। जोशी ने कहा कि हम अपने विरोधी के खेल को समझते हैं।
राज्यसभा सदस्य ईरण्णा करडी ने कहा कि भाजपा की जीत के कम अंतर के लिए कई कारक हैं, इनमें महामारी के कारण लोगों के लिए मतदान के लिए घर से बाहर निकलने को लेकर हिचकिचाहट भी एक है। उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टर ने इसे जनता की जीत बताया। शेट्टर की बहू और अंगडी की बेटी श्रद्धा शेट्टर ने कहा कि उनकी मां को चुनकर क्षेत्र के लोगों ने उनके पिता को श्रद्धांजलि दी है।
राज्य की जनता के प्रति आभारी चुनाव आयोग की ओर से अंतिम परिणाम जारी किए जाने से पूर्व ही बेलगाम पार्टी की हार स्वीकार करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार ने कहा ‘बेलगाम लोकसभा सीट पर हमें हार मिली है। मैं राज्य की जनता के प्रति आभारी हूं जिसने भारी संख्या में हमारे पक्ष में मतदान किया। हम लगातार जनता की आवाज भाजपा सरकार के खिलाफ उठाते रहेंगे।’