बेंगलूरु के विकास को पंख लगाने वाले नाडप्रभु केंपेगौड़ा के समुदाय को शहर के प्रथम नागरिक महापौर का पद मिले डेढ़ दशक से ज्यादा समय बीत चुका है। अब वोक्कालिगा पार्षदों ने महापौर चुनाव में उनके समुदाय से प्रत्याशी बनाए जाने की
भाजपा से मांग की है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा पदाधिकारियों के एक वर्ग की भी यह धारणा है कि किसी वोक्कालिगा पार्षद को महापौर पद का प्रत्याशी बनाकर समुदाय की नाराजगी को कुछ हद तक दूर किया जाए। पार्टी ऐसा करके सामाजिक न्याय का दावा करने, पार्टी के अंदर समुदाय के नेताओं के गुस्से को शांत करने और समुदाय का भाजपा पर विश्वास जगाने के तीन पहलुओं पर काम करना चाहती है।
एम. श्रीनिवास हो सकते हैं भाजपा के प्रत्याशी
बेंगलूरु के 53वें महापौर का चुनाव 1 अक्टूबर को होना है। अब तक पालिका की सत्ता में रहे कांगे्रस और जनता दल-एस के बीच मतभेद, विधायकों की अयोग्यता आदि कारणों से भाजपा को पालिका की सत्ता में आने का बेहतर अवसर मिला है। सूत्र बताते हैं कि कुमारस्वामी लेआउट वार्ड के भाजपा पार्षद एम. श्रीनिवास को महापौर पद का प्रत्याशी बनाए जाने की प्रबल संभावना है। हालांकि पालिका के नेता प्रतिपक्ष पद्मनाभ रेड्डी, उमेश शेट्टी और गुरुमूर्ति रेड्डी भी दावेदार हैं। मगर जब बात वोक्कालिगा समुदाय की आएगी तो तो श्रीनिवास का नाम सबसे आगे है।
आखिरी वोक्कालिगा महापौर थे सीएम नागराज
बीते कई साल से वोक्कालिगा समुदाय से कोई नेता महापौर नहीं बना है। वर्ष 2002-03 में सीएम नागराज इस समुदाय से आखिरी महापौर बने थे।