जिला स्वास्थ्य अधिकारियों, जिला सर्जनों, मेडिकल कॉलेजों के निदेशकों के साथ मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ के. सुधाकर ने कहा कि मध्यम लक्षणों वाले कोविड मरीजों को प्रति मिनट लगभग 20-60 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, इसलिए ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने के तरीके खोजने होंगे। एक विकल्प के रूप में एनआइवी वेंटिलेटर के उपयोग की कोशिश हो रही है, जो अधिक प्रभावी है। इससे ऑक्सीजन की मांग 80 प्रतिशत तक कम हो जाएगी और एचएफएनओ पर निर्भर सभी मरीजों को वेंटिलेटर बेड पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले 6-8 महीनों से स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप हर तालुक अस्पताल में 50 ऑक्सीजन वाले बेड स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक तालुक अस्पताल में लगभग 6 वेंटिलेटर हैं। हालांकि, वेंटिलेटर की उपलब्धता के बावजूद ऑक्सीजन का इस्तेमाल जारी है। विशेषज्ञ चिकित्सकों व मानव संसाधन की कमी है। अनुबंध के आधार पर एनेस्थेटिस्ट और चिकित्सक भर्ती होंगे।
डॉ. सुधाकर ने बताया कि सभी कोविड अस्पतालों को एक सप्ताह के भीतर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कहा गया है। यह दूरस्थ निगरानी में मदद करेगा और बिस्तरों के कुशल उपयोग को भी सुनिश्चित करेगा। कुछ जिलों में मृत्यु दर अधिक है। कारण पता लगाने की कोशिशें जारी हैं। राज्य में मौजूदा पॉजिटिविटी दर को 33.99 फीसदी से पांच फीसदी करने का लक्ष्य है।