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बालाकोट के बाद इसलिए भागना पड़ा था पाकिस्तानी विमानों को

locationबैंगलोरPublished: Jun 01, 2019 07:18:30 pm

बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तानी युद्धक जब 27 फरवरी को भारतीय सीमा में घुसे, तब भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीइएल) द्वारा विकसित सेंसर ने ही उनके भारतीय सीमा की ओर बढऩे का संकेत दिया था। बीइएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एमवी गौतम्मा ने यहां शनिवार को वार्षिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही।

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बालाकोट के बाद इसलिए भागना पड़ा था पाकिस्तानी विमानों को

बीइएल के सेंसर ने पकड़े थे पाकिस्तानी युद्धकों के संकेत
बालाकोट हवाई हमले के बाद घुसे थे पाकिस्तानी युद्धक
बेंगलूरु. बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तानी युद्धक जब 27 फरवरी को भारतीय सीमा में घुसे, तब भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीइएल) द्वारा विकसित सेंसर ने ही उनके भारतीय सीमा की ओर बढऩे का संकेत दिया था। बीइएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एमवी गौतम्मा ने यहां शनिवार को वार्षिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा कि इस समय वे इतना निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि ‘बीइएल द्वारा विकसित और आपूर्ति किए गए इलेक्ट्रोनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सेंसर का उपयोग किया गया। साथ ही पाकिस्तानी विमानों के इलेक्ट्रोनिक संकेत पकडऩे में इस सेंसर ने वायुसेना की निश्चित तौर पर मदद की।Ó
तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि भारत ने पाकिस्तान के एफ-16 विमानों के संकेत पकड़े थे, गौतम्मा उनके उस बयान को उद्घृत करते हुए कहा कि यह केवल इलेक्ट्रोनिक वारफेयर उपकरणों के जरिए ही संभव है जो भारतीय वायुसेना के पास है और उसका उपयोग किया गया।
वायुसेना के राडार देख सकते हैं बादलों के पार
राडार के बादलों के पार देखने से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि बीइएल ने डॉप्लर राडार विकसित किए हैं जो न सिर्फ बादलों के पार देख सकते हैं बल्कि उनमें मौजूद पानी की मात्रा को माप भी सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर है कि बादलों की प्रकृति कैसी है। यह पूरी तरह भौतिकशास्त्र है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्तव्य पर कोई बयान नहीं देना चाहते लेकिन इतना निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि वायुसेना के पास ऐसे राडार हैं जो बादलों के पार देख सकते हैं।
रफाल सौदे में 17 मिलियन डॉलर का मिला ठेका
फ्रांसीसी कंपनी दसा से खरीदे जाने वाले 36 रफाल युद्धक विमानों से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इस सौदे की ऑफसेट नीति के तहत बीइएल को 17 मिलियन डॉलर (1.70 करोड़ डॉलर) का करार मिला है। यह ठेका थेल्स कंपनी से मिला है जो कि रफाल विमानों के लिए दस्सू को विभिन्न उप-प्रणालियों की आपूर्ति करती है। इसके अलावा बीइएल और थेल्स की संयुक्त साझेदारी वाली कंपनी ‘बीइएल-थेल्स प्राइवेट लिमिटेडÓ भी है जिससे थेल्स से आर्डर मिले हैं। यह शुरुआती आर्डर हैं और आने वाले दिनों में और आर्डर मिलने की उम्मीद है।
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