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चार कर्म खपाने वाले वीतराग होते हैं- साध्वी कंचनप्रभा

locationबैंगलोरPublished: May 23, 2022 07:58:12 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन

चार कर्म खपाने वाले वीतराग होते हैं- साध्वी कंचनप्रभा

चार कर्म खपाने वाले वीतराग होते हैं- साध्वी कंचनप्रभा

बेंगलूरु. तेरापंथ सभा भवन, गांधीनगर में ज्ञानशाला की ओर से आयोजित शिविर के लाभार्थी बालक-बालिकाएं को प्रेरणा देने के लिए साध्वी कंचनप्रभा के सान्निध्य में वीतराग पथ कार्यशाला का आयोजन किया गया।
ज्ञानशाला संयोजक जुगराज श्रीश्रीमाल ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। तेयुप अध्यक्ष विनय बैद ने स्वागत किया। साध्वी मंजू रेखा ने वीतराग का विज्ञान विषय पर प्रेरणा देते हुए असली सुख किसको मिलता है व चार गति व आठ कर्मों के विवेचन से अवगत करवाया। जो चार कर्मों को चीर कर देते हैं वह वीतराग हैं। वीतराग की ओर प्रस्थान करने वाले और भविष्य में मोक्ष पाने वाले मुनि कहलाते हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जुगराज श्रीश्रीमाल ने सामायिक के लाभ की जानकारी दी। किशोर मंडल से चिरायु मूथा व हर्षित गुगलिया ने मंत्री मुनि एवं बालक मोहन के संवाद की अभिनय प्रस्तुति दी। विशिष्ट अतिथि तेरापंथ टाइम्स के संपादक दिनेश मरोठी ने अनुमोदना की विशिष्टता, उपयोगिता एवं प्राथमिकता पर उपस्थित सहभागियों को अवगत करवाया। साध्वी कंचनप्रभा ने वीतराग पथ अनुप्रेक्षा पर प्रकाश डाला। अरिहंत भगवान वीतराग हो गए हैं हम उन्हें नमस्कार महामंत्र के माध्यम से नमस्कार करते हैं हर चार कर्म खपाने वाले वीतराग होते हैं लेकिन हर वीतराग अरिहंत नहीं होते। हमारी आत्मा अनादि काल से जन्म और मरण कर रही है। जैन शासन वीतराग का, अरहंतों का, तीर्थंकरो का हैं। हमें वीतराग बनना हैं इसलिए चार कर्म को सीखना हैं। साध्वी मंजू रेखा, साध्वी उदितप्रभा, साध्वी निर्भयप्रभा व साध्वी चेलनाश्रीने गीतिका की प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभा गांधीनगर अध्यक्ष सुरेश दक, राजराजेश्वरीनगर सभा अध्यक्ष मनोज डागा, तेयुप उपाध्यक्ष रणजीत राखेचा, सह मंत्री विवेक मरोठी, ज्ञानशाला सह संयोजक गौतम डोसी व ज्ञानशाला अध्यापिकाओंं की उपस्थिति रही। संचालन परिषद सह मंत्री प्रदीप चोपड़ा ने किया। आभार मंत्री प्रवीण बोहरा ने जताया।
विनय और समर्पण का प्रतीक साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभा- साध्वी शिवमाला
शांतिनगर में वर्धापन समारोह
बेंगलूरु. साध्वी शिवमाला के सानिध्य में महिला मंडल राजराजेश्वरी नगर एवं शांतिनगर श्रावक समाज के तत्वावधान में नवम साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभा का वर्धापन समारोह नरेंद्र सुराणा के यहां शांतिनगर में आयोजित किया गया। ममता घोषल,कांता सेठिया,पिंकी घोषल,सरिता बरडिय़ा ने मंगलाचरण किया। उर्मिला सुराणा ने सरदार शहर का वृतांत बताया। महिला मंडल राजराजेश्वरी नगर अध्यक्ष लता बाफना ने सभी का स्वागत करते हुए अपनी भावना व्यक्त की। महिला मंडल एवं कन्या मंडल द्वारा सामूहिक गीत का संगान किया गया। साध्वी प्रमुखा का जीवन परिचय कविता के माध्यम से जितेंद्र घोषल ने दिया। साध्वी शिवमाला ने कहा रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद में भगवान महावीर ने गौतम में गौतम बुद्ध ने आनंद में मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने हनुमान में कर्म योगी कृष्ण ने अर्जुन में जो शक्ति का संप्रेषण किया। वही आचार्य महाप्रज्ञ ने मुख्य नियोजित साध्वी विश्रुतविभा में शक्ति का संप्रेषण किया। विनय और समर्पण ने गुरु के दिल को जीत लिया। साध्वी अमित रेखा ने कहा जयाचार्य ने साध्वी प्रमुखा पद का सूत्रपात किया। गुरुदेव तुलसी ने तीन साध्वी प्रमुखा की नियुक्ति की। वहीं आचार्य महाश्रमण ने नवीं साध्वी प्रमुखा विश्रुत विभा का चयन किया जिससे चतुर्विध धर्म संघ में अहलाद की अनुभूति हुई। गुरु शिष्य को तैयार कर संघ में सर्वोपरि स्थान प्रतिष्ठित करते हैं। साध्वी अमितरेखा,अर्हमप्रभा, रत्नप्रभा ने गीतिका द्वारा अभिवंदना की। कार्यक्रम का संचालन साध्वी अमितरेखा ने किया। आभार राजराजेश्वरी नगर महिला मंडल मंत्री सीमा छाजेड़ एवं जितेंद्र घोषल ने जताया। इस अवसर पर तेरापंथ सभा गांधीनगर के सहमंत्री राजेंद्र बैद, पारसमल धोका, चित्रा बाफना, रजनी संचेती,सरोज चोरडिय़ा, संगीता डागा कन्या मंडल से चेतना संचेती सहित काफी संख्या में श्रावक श्राविका उपस्थित थीं।
चार कर्म खपाने वाले वीतराग होते हैं- साध्वी कंचनप्रभा

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