मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी मेले का हिस्सा बने। सोमवार को उन्होंने आरती में भाग लिया और मंगलवार को धर्मसभा में शामिल हुए। मेले में सुत्तूर मठ प्रमुख स्वामी शिवरात्री देशिकेंद्र, आदिचुनचनगिरि मठ प्रमुखनिर्मलानंदनाथ स्वामी तथा कागीनेले कनकगुरु पीठ के प्रमुख शिवानंदपुरी स्वामी सान्निध्य रहा। मुख्यमंत्री ने स्नान नहीं किया।
नदी के पानी को अपने सिर पर छिडक़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मुख्य मकसद बेहतर प्रसासन देना व राज्य के कल्याण के लिए काम करना है। माना जाता है कि टी. नरसीपुरा में कुंभ मेले की शुरुआत स्थानीय धर्म गुरुओं के प्रयासों से हुई थी, जो प्रति तीन वर्ष बाद आयोजित होता है। इस स्थान का प्राचीन इतिहास रहा है और पास में स्थित तलकाडु अपने रेत के टीलों व पंचलिंग दर्शन के लिए जाना जाता है। कपिला नदी के किनारे स्थित गुंजे नरसिम्हा स्वामी देवस्थान के नाम पर ही इस कस्बे का नामकरण टी. नरसीपुरा के तौर पर हुआ है।
मन से जुडऩे पर होगा यादगार महोत्सव
बेंगलूरु. सीरवी समाज ट्रस्ट एचएसआर लेआउट के ट्रस्ट मंडल, नवयुवक एवं महिला मंडल की सामूहिक सभा मंगलवार को सीरवी समाज भवन में हुई। शुभारंभ आईमाता के दरबार में अध्यक्ष फाऊलाल परिहारिया, उपाध्यक्ष मांगीलाल चोयल, सचिव लक्ष्मणराम आगलेचा, कोषाध्यक्ष ताराराम चोयल, सह सचिव छैलाराम काग एवं सह कोषाध्यक्ष भुण्डाराम हाम्बड़ द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
समाज की ओर से धर्मगुरु दीवान माधवसिंह के सान्निध्य में नव निर्मित आईमाता मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, अखण्ड ज्योत, पाट स्थापना एवं सीरवी समाज भवन के उद्घाटन समारोह पर चर्चा की गई। छह दिवसीय यह समारोह ४ मार्च से होगा। स्वागत करते हुए अध्यक्ष फाऊलाल परिहारिया ने कहा कि सभी सदस्य मन से जुड़ेंगे तभी प्रतिष्ठा महोत्सव सफल एवं यादगार बनेगा। उपाध्यक्ष मांगीलाल चोयल ने बताया कि महोत्सव में देशभर से सीरवी समाज के लोग हिस्सा लेंगे।
सचिव लक्ष्मणराम आगलेचा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्य विभाजन कर सभी को जिम्मेदारी सौंपी गई। इस अवसर पर बोहराराम पंवार, भंवरलाल बर्फा, ताराराम बर्फा, नेमाराम चोयल, खिंवाराम हाम्बड़, नवयुवक मंडल के अध्यक्ष मोहनलाल राठौड़, सचिव केनाराम मुलेवा, चैनाराम, बलेपेट वडेर के सचिव ओमप्रकाश बर्फा आदि मौजूद रहे।