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विधानसभा में कर्नाटक जीएसटी (संशोधन) सहित तीन विधेयक पारित

locationबैंगलोरPublished: Dec 15, 2018 06:52:33 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

सिफारिशों के अनुसार जीएसटी एक्ट के तहत करों के भुगतान के लिए लाया गया है।

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विधानसभा में कर्नाटक जीएसटी (संशोधन) सहित तीन विधेयक पारित

बेेलगावी. राज्य विदानसबा में शुक्रवार को वित्त विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की ओर से पेश किए गए कर्नाटक माल व सेवा कर अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2017 को सर्वसम्मति के पारित कर दिया गया।
इस विधेयक को सदन में पेश करते हुए मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि यह संशोधन नई रिटर्न पेश करने की प्रणाली तथा रिटर्न फाइल करने में पेश आने वाली कठिनाईयों को दूर करने तथा जीएसटी परिषद की सिफारिशों के अनुसार जीएसटी एक्ट के तहत करों के भुगतान के लिए लाया गया है।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत थी और राज्य विधानसभा का सत्र नहीं चलने के कारण इसे लागू करने के लिए हमें कर्नाटक माल व सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश 2018 जारी करना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय माल व सेवा कर संशोधन अधिनियम 2018 के जरिए माल व सेवाकर अधिनियम 2017 में संशोधन किया है।

चूंकि माल व सेवा कर एकसमान कर प्रणाली है, लिहाजा सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के मुताबिक अपने अपने माल व सेवा कर अधिनियमों में संशोधन लाना ही होगा।
सदन में दो अन्य पारित किए गए विधेेयकों में कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (संशोधन) विधेयक 2018 भी शामिल है।

कुमारस्वामी ने कहा कि ई-खरीद, निविदा बुलेटिन तथा निविदा बुलेटिन अधिकारी से संबंधित प्रावधानों में संशोधन करने की जरूरत के कारण यह विधेयक लाया गया है।
इसके तहत आम जनता को जानकारी हासिल करने के लिए कर्नाटक सार्वजनिक खरीद ई-पोर्टल की स्थापना की जाएगी और उसका संचालन किया जाएगा। यह संशोधन शब्दों, निविदाओं व निविदा दस्तावेजों को पुन: परिभाषित करने, कई सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वैधानिक बोर्डों से खरीदे जाने वाले माल व सेवाओं पर लागू होने वाले कुछ अपवादों को छोडऩे के लिए किया गया है।
यह विधेयक सूक्ष्म, लघुु तथा मध्यम उपक्रम विकास अधिनियम 2006 के अनुसार सूक्ष्म व लघु उपक्रमों को वरीयता देगा और निविदाकर्ताओं को अयोग्य भी घोषित करेगा।

सदन में राजस्व मंत्री आर.वी. देशपांडे की अनुपस्थिति में राज्य के विधि व संसदीय कार्य मंत्री कृष्णा बेरेगौड़ा ने सदन में बैगर हुकुम विधेेयक पेश किया। इस विधेयक को कर्नाटक भू-राजस्व अधिनियम 1964 के अनुच्छेद 94 बी संशोधन के लिए पेश किया गया।
इस विधेयक को पेश करने से कुछ जमीनों के नियमन के लिए फार्म-50 के तहत मिली 9937 अर्जियों तथा फार्म 53 तहत के तहत मिली 1 लाख 84 हजार 329 लंबित अर्जियों का निपटारा करने का मार्ग प्रशस्त होगा। लिहाजा समय सीमा को 2 और सालों के लिए बढ़ाया जाना आवश्यक है।

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