बता दें कि मादनायकनहल्ली में चार आरोपियों से 2000 रुपये के मूल्यवर्ग में 6,84,000 रुपये के नकली नोट बरामद हुए थे। अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया। एक अधिकारी ने बताया कि मोहम्मद सज्जाद अली, एमजी राजू, गंगाधर रामप्पा कोलार और वनिता से मार्च 2018 में नकली नोट बरामद हुए थे।
जहीरुद्दीन अभी भी फरार जांच के दौरान एनआईए ने चार और लोगों कर्नाटक के विजय और साबिरुद्दीन के साथ ही पश्चिम बंगाल के अब्दुल कादिर और जहीरुद्दीन को मामले में शामिल पाया। विजय, साबिरुद्दीन और कादिर को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि जहीरुद्दीन अभी भी फरार है।
जांच पूरी करने के बाद, एनआईए ने तीन गिरफ्तार आरोपियों अली, राजू, कोलार और वनिता के खिलाफ 3 नवंबर, 2018 को आरोप पत्र दायर किए और बाद में कादिर, साबिरुद्दीन और विजय के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किए गए।
एक अधिकारी ने बताया कि अली, राजू और कादिर ने आरोप स्वीकार कर लिए थे। उन्हें क्रमश: छह साल की कैद व दस हजार रूपए जुर्माना, पांच साल की कैद और पांच हजार रूपए जुर्माना तथा दो साल की कैद व पांच हजार रूपए जुर्माना की सजा सुनाई गई।
1 दिसंबर को एनआईए की विशेष अदालत ने आईपीसी की धाराओं के तहत सभी सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।
अन्य चार आरोपियों के खिलाफ सुनवाई जारी है।
अन्य चार आरोपियों के खिलाफ सुनवाई जारी है।