कर्नाटक के चामराजनगर जिले में बिलिगिरी रंगनाथस्वामी मंदिर (बीआरटी) टाइगर रिजर्व से एक किमी दूर और सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में तलवाड़ी रिजर्व फॉरेस्ट से छह किमी दूर स्थित बंजर खेत, बाघ के लिए सुरक्षित ठिकाने बन गए हैं। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद बीआरटी टाइगर रिजर्व और एसटीआर, दोनों के अधिकारियों ने बाघ की आवाजाही को ट्रैक करने और कर्नाटक के वन क्षेत्र में वापस खदेड़ने के लिए 9 से 13 जून तक एक अभियान चलाया।
कैमरा ट्रैप लगाया
तलवाडी रेंज अधिकारी एस. सतीश के नेतृत्व में एसटीआर के 20 से अधिक कर्मी और बीआरटी टाइगर रिजर्व के 10 कर्मी सीमावर्ती क्षेत्र में तलाशी अभियान में शामिल थे, जिसके दौरान पट्टा भूमि में झाड़ियों को साफ किया गया और पास में अधिक कैमरा ट्रैप लगाए गए। ग्रामीणों को निर्देश दिए गए थे कि वे मवेशियों के साथ बाहर नहीं निकले। निगरानी के लिए तैनात दो ड्रोनों को इलाके में बाघों की आवाजाही का कोई निशान नहीं मिला।
बाघ नहीं दिखा, ऑपरेशन बंद
एसटीआर के उप क्षेत्र निदेशक देवेंद्र कुमार मीणा के अनुसार कर्नाटक के वन क्षेत्रों में ताजा पग के निशान पाए गए और टीमों ने पुष्टि की कि बाघ कर्नाटक लौट आया है। उन्होंने कहा कि पांच दिवसीय अभियान के दौरान, टीमों ने बाघ को नहीं देखा। इसलिए, 13 जून को ऑपरेशन बंद कर दिया गया।