बुधवार रात करीब 9.30 बजे और गुरुवार सुबह 11.49 बजे बाघ कैमरा ट्रैप में दिखा। कुल 144 कैमरा ट्रैप बाघ की तस्वीरें लेने के लिए लगाए गए हैं। बाघ की उम्र चार से पांच वर्ष होने का अनुमान है।
बंडीपुर टाइगर रिजर्व (Bandipur Tiger Reserve) के वन संरक्षक व फील्ड निदेशक (Project Tiger) टी. बालचंद्र ने बताया कि बाघ को दो बार देखा गया। उसकी दहाड़ सुनी गई, लेकिन उसे पकड़ा नहीं जा सका। छह प्रशिक्षित हाथी भी खोजी दल में शामिल हैं। दशहरा महोत्सव में हिस्सा लेने वाला प्रशिक्षित हाथी अभिमन्यु, गोपालस्वामी, जयप्रकाश और बिलीगिरीरंगा स्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व का हाथी गजेन्द्र भी दल का हिस्सा है।
सूत्रों को अनुसार बाघ को पकडऩे के बाद उसे वापस जंगल (Forest) में नहीं छोड़ा जाएगा। पुनर्वास के लिए बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क (Bannerghatta National Park) भेजने की योजना है। खोजी दल इस क्षेत्र में अन्य बाघों पर भी नजर बनाए हुए है।