इसलिए भाजपा भी टीपू जयंती का शुरू से विरोध करती आई है और उसने राज्य सकरार पर धुव्रीकरण करने का आरोप लगाया है। वर्ष-2015, 2016 और 2017 में भी टीपू जयंती का पूरे राज्य में भाजपा ने विरोध किया था। विशेषकर पुराने मैसूरु और कोडुगू क्षेत्र में विरोध काफी उग्र रहा था।
इस बार भी मैसूरु-चामराजनगर संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा सहित अन्य भाजपा नेताओं ने टीपू जयंती का विरोध करने का निर्णय लिया है। इसलिए जिला प्रशासन किसी प्रकार का जोखिम लेने के मूड में नहीं है और टीपू जयंती पर शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।
जिला उपायुक्त अभिराम जी शंकर ने कहा कि 10 नवम्बर को शहर के कलामंदिर में टीपू जयंती का मुख्य आयोजन होगा। जिला प्रभारी मंत्री जीटी देवेगौड़ा की अध्यक्षता में आयोजन की रूपरेखा तय करने के लिए एक बैठक होगी। जयंती के दौरान किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।
टीपू जयंती मनाना अफसोसजनक
प्रताप सिम्हा ने टीपू जयंती मनाने के राज्य सरकार के निर्णय को अफसोसजनक करार दिया है। उन्होंने जयंती को लेकर नाराजगी जताई और आयोजन समिति को स्पष्ट रूप से कहा कि प्रोटोकॉल के नाते भी उनका नाम किसी भी निमंत्रण पत्र पर न लिखा जाए और ना ही उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाए।