मंत्री को लिखे एक पत्र में अप्पचु रंजन ने अनुरोध किया कि इस संबंध में विषय विशेषज्ञों की सलाह लेकर देशभक्ति पर आधारित पाठ शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतिहास के पाठ्यक्रमों से टीपू सुल्तान के महिमा मंडन को तत्काल हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि वह इसका हकदार नहीं है। उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान को केवल अपने राज्य के विस्तार व इस्लाम के प्रचार-प्रसार की ही चिंता थी। टीपू ने भारत की स्वतंत्रता के लिए कोई लड़ाई नहीं लड़ी लिहाजा टीपू को स्वधीनता सेनानी की उपमा नहीं दी जा सकती।
उन्होंने आरोप लगाया कि टीपू सुल्तान ने कोड़वा समुदाय के लोगों का नरसंहार किया। मेंगलूरु में 50 हजार से अधिक ईसाइयों का धर्मान्तरण करवाया जिसके सबूत कोडग़ू व मेंगलूरु में मौजूद हैं।