रिश्ते निभाना, ताले से सीखना चाहिए-साध्वी भव्यगुणाश्री
बैंगलोरPublished: Jul 29, 2021 10:37:27 am
धर्मसभा का आयोजन
रिश्ते निभाना, ताले से सीखना चाहिए-साध्वी भव्यगुणाश्री
बेंगलूरु. मुनिसुव्रत स्वामी जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ केंटोनमेंट में विराजित साध्वी भव्यगुणाश्री व साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि इंसान किसी मुसीबत से नहीं हारता वह उस समय हार जाता है जब मुसीबत में अपने साथ छोड़ देते हैं। साध्वी भव्यगुणाश्री कहा कि रिश्ते निभाना एक ताले से सीखना चाहिए वह टूट जाता है, लेकिन चाबी नहीं बदलता। साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि घर का जला हुआ आदमी हिमालय पर भी चला जाए तो शरीर ठंडा हो सकता है,किन्तु मन ठंडा नहीं होता, मन मे शांति नही होती है। उन्होंने कहा कि संत भी वही है जो अंदर से शांत हो जाए। वस्त्र बदलने से कोई संत नहीं होता, वस्त्र तो एक मिनट में बदला जाते हैं और संत बनने के लिए वर्षों साधना करनी पड़ती है। भीतर से भी शांत होना पड़ता है। कार्यक्रम का संचालन इंदरचंद बोहरा ने किया। प्रवचन में काफी श्रद्धालुओं ने लाभ लिया। रतलाम व इंदौर से भक्त साध्वीवृंद के दर्शन को पहुंचे। आभार राजमल गुलेच्छा, मोहनलाल बोहरा, जयचंद चुत्तर, निर्मल बोहरा ने व्यक्त किया।