केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा हाल ही में जारी ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के अनुसार, भारत में 13-15 वर्ष की आयु के बच्चों में तंबाकू उत्पादों का उपयोग बढ़ा है। छात्रों के राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण से पता चला है कि 38 प्रतिशत सिगरेट, 47 प्रतिशत बीड़ी और 52 प्रतिशत धूम्रपान रहित तंबाकू उपयोगकर्ताओं ने अपने 10 वें जन्मदिन से पहले आदत को पकड़ लिया था।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग प्रियंक कानूनगो ने कहा कि यह वैज्ञानिक रूप से स्थापित है कि अगर किसी व्यक्ति को 21 वर्ष और उससे अधिक की उम्र तक तंबाकू से दूर रखा जाता है, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि वह जीवन भर तंबाकू मुक्त रहेगा। 14 देशों ने तंबाकू उत्पादों तक पहुंच की कानूनी उम्र को मौजूदा 18 साल से बढ़ाकर 21 साल किया है। 86 देशों पे सिगरेट आदि की खुद्रा बिक्री पर प्रतिबंध लगाया है।
प्रदेश तंबाकू नियंत्रण सेल के उप निदेशक डॉ. सेलवनराज ने कहा कि तंबाकू कंपनियां अपनी विपणन रणनीति के माध्यम से बच्चों और युवाओं को लक्षित कर रही हैं। कानून में खामियों का फायदा उठा रही हैं। भारत में दुनिया में तंबाकू उपयोगकर्ताओं की दूसरी सबसे बड़ी संख्या (268 मिलियन) है और इनमें से 13 लाख हर साल तंबाकू से संबंधित बीमारियों से मर जाते हैं।