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आज परिणय सूत्र में बंधेंगे यदुवीर और त्रिशिका

locationबैंगलोरPublished: Jun 26, 2016 11:42:00 pm

मैसूरु के पूर्व शाही परिवार के उत्तराधिकारी यदुवीर
कृष्णदत्ता चामराजा वाडियार (24) सोमवार को अपनी मंगेतर के साथ परिणय सूत्र
में बंध जाएंगे

bangalore news

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बेंगलूरु. मैसूरु के पूर्व शाही परिवार के उत्तराधिकारी यदुवीर कृष्णदत्ता चामराजा वाडियार (24) सोमवार को अपनी मंगेतर के साथ परिणय सूत्र में बंध जाएंगे। चार दशक बाद होने वाली इस ‘शाही शादी’ में आने वाले मेहमानों के स्वागत में मैसूरु का मशहूर अम्बा विलास पैलेस पूरी तरह सज चुका है। महल में चार दशक बाद शाही शादी हो रही है। यदुवीर की मंगेतर त्रिशिका कुमारी सिंह (23) राजस्थान के डुंगरपुर के पूर्व राजघराने के हर्षवर्धन सिंह और माहेश्वरी कुमारी सिंह की दूसरी बेटी हैं।

महल सूत्रों के मुताबिक सोमवार सुबह कर्क लग्र में 9.05 से 9.35 के बीच शुभ मुहूर्त में विवाह की रस्में होगी। विवाह समारोह महल के कल्याण मंडप में होगा। यदुवीर बोस्टन विश्वविद्यालय के स्नातक हैं जबकि त्रिशिका की शिक्षा बेंगलूरु के ही ज्योति निवास कॉलेज में हुई है। महल की परंपरा के मुताबिक महल में आयोजित खासा (निजी) दरबार दोनों परिवारों के सदस्यों की उपस्थिति में वैवाहिक अनुष्ठान पिछले तीन दिनों से चल रहे हैं। सोमवार को आयोजित विवाह समारोह के लिए वाडियार परिवार की ओर से देश-विदेश के 1000 अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। मंडप के पास 550 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। महल परिसर में अतिथियों के लिए वाटरप्रूफ पंडाल भी बनाए गए हैं।

समारोह में मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के अलावा कई राजनीतिक हस्तियां और देश के कई पूर्व राजघरानों के प्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे। शादी के अगले दिन मैसूरु महल परिसर में वर-वधू का स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा। बेंगलूरु में भी वाडियार परिवार की ओर से 2 जुलाई को नवदंपती के स्वागत में समारोह का आयोजन किया जाएगा।

वैवाहिक अनुष्ठान जारी
महल परिसर में शुक्रवार को शुरू हुआ वैवाहिक अनुष्ठान रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। रविवार शाम यदुवीर ने महल परिसर में परंपरा के मुताबिक आयोजित काशी यात्रा में भाग लिया। इससे पहले सुबह समवर्धन होम में भाग लेने के बाद यदुवीर ने श्रीकंठ दत्ता नरसिम्ह राजा वाडियार की तस्वीर का पूजन किया। प्रमोदा देवी ने इस अवसर पर यदुवीर को परंपराओं के मुताबिक विभिन्न प्रकार के परिधानों दिए। वैवाहिक अनुष्ठान के तहत महल में दो छप्पड़ पूजा हुए। महल के उत्तरी छोड़ पर यदुवीर के परिवार की ओर से विवाह समारोह के आगाज के संकेत तौर पर छप्पड़ बनाए गए हैं जबकि हाथी द्वार पर दूसरा छप्पड़ त्रिशिका के परिवार की ओर से बनाया गया है।

त्रिशिका का भव्य स्वागत
शनिवार रात त्रिशिका अपने परिवार के साथ मैसूरु महल पहुंचीं। परंपराओं के मुताबिक त्रिशिका का वाडियार परिवार के सदस्यों ने भव्य स्वागत किया। करीब दो घंटे तक चले रस्म के दौरान वाडियार परिवार के सदस्यों ने दुल्हन को साड़ी, चूड़ी व अन्य चीजें दीं। इससे पहले त्रिशिका का परिवार मैसूरु के ही एक पांच सितारा होटल में ठहरा हुआ था।

कार में करेंगे महल की परिक्रमा
पुरानी परंपराओं के मुताबिक मैसूरु महल में आयोजित विवाह समारोह के बाद वर-वधू को हाथी में बैठाकर शहर के प्रमुख सड़कोंं से जुलूस निकाला जाता था लेकिन इस बार सुरक्षा कारणों से ऐसा नहीं होगा। विवाह के बाद 29 जून को यदुवीर अपनी पत्नी के साथ कार में महल परिसर की परिक्रमा कर सांकेतिक तौर पर इस रस्म को पूरा करेंगे। महल में आखिरी शाही शादी 1976 में हुई थी जब श्रीकंठ और प्रमोदा ने फेरे लिए थे।

30 जून को फिर खुलेगा महल
शाही शादी के कारण मैसूरु महल के दरवाजे 24 जून से ही सैलानियों और आम लोगों के लिए बंद हो चुके हैं लेकिन वेबसाइट पर इसकी घोषणा देरी से होने के कारण महल देखने की लालसा लेकर आए सैलानियों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। यहां हर साल काफी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं।

डूंगरपुर से पुराना रिश्ता
मैसूरु के वाडियार परिवार का डूंगरपुर के पूर्व राजघराने से रिश्ता करीब एक शताब्दी पुराना है। यदुवीर वाडियार वंश के तीसरे शख्स हैं जिनकी शादी डूंगरपुर के पूर्व शाही परिवार में हो रही है। यदुवीर से पहले 1918 में नलवाडी कृष्णा राजा वाडियार ने डूंगरपुर की राजकुमारी प्रताप रूद्रकुमारी देवी से विवाह किया था। उसके बाद 1944 में तत्कालीन मैसूरु महाराजा जयचामराजेंद्र वाडियार ने भी डूंगरपुर की राजकुमारी सत्य प्रेमा कुमारी से विवाह किया था।

प्रमोदा ने लिया है यदुवीर को गोद
गौरतलब है कि यदुवीर को पिछले साल फरवरी में पूर्व शाही परिवार के आखिरी वंशज श्रीकंठ दत्ता नरसिम्हराजा वाडियार की पत्नी प्रमोदा देवी ने गोद लिया था। श्रीकंठ वाडियार का दिसम्बर 2014 में निधन हो गया था। श्रीकंठ-प्रमोदा दंपजी को कोई संतान नहीं थी। यदुवीर श्रीकंठ के बड़ी बहन गायत्री देवी के नावसे हैं।

प्रमोदा के गोद लेने के बाद पिछले साल मई में यदुवीर की रस्मी ताजपोशी हुई थी। गोद लिए जाने से पहले ही यदुवीर की सगाई त्रिशिका से हो चुकी थी। त्रिशिका के पिता हर्षवर्धन सिंह हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में राजस्थान से भाजपा के टिकट पर संसद के उच्च सदन के लिए चुने गए हैं। वाडियार राजवंश ने पूर्व मैसूरु रियासत पर 1399 से 1947 तक शासन किया था। जयचामराजेंद्र वाडियार आखिरी शासक थे,जिन्होंने 1940 से 1947 तक शासन किया। आजादी के बाद मैसूरु के भारत संघ में विलय के बाद भी तीन साल तक वे ‘महाराजा’ रहे। 1950 में संविधान लागू होने के बाद वे राज्य के पहले राज्यपाल बनाए गए।
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