scriptपर्यटन दिवस: ये वादियां, ये फिजाएं बुला रही हैं तुम्हें | Tourism Day: These instruments, these festivals are calling you | Patrika News
बैंगलोर

पर्यटन दिवस: ये वादियां, ये फिजाएं बुला रही हैं तुम्हें

पर्यटन स्थलों की ओर लौट रहे हैं लोग

बैंगलोरSep 27, 2020 / 05:18 pm

Santosh kumar Pandey

gagana_chukki_falls_02.jpg
बेंगलूरु. खुली वादियां, ताजा हवा के झोकों से सराबोर फिजाएं और दूर तक बिखरा प्रकृति का सौन्दर्य, सदियों से मनुष्य के मन को लुभाता रहा है। प्रकृति अपनी ओर खींचती, बुलाती रही है। यही कारण है कि लोग शहरी आपाधापी से कहीं दूर प्रकृति की गोद में लौटना चाहते हैं। कोरोना महामारी ने मार्च में दस्तक दी तो लोग घर में ही कैद होने को विवश हो गए।
इसका सबसे बड़ा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ा। देश के आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का यह सशक्त माध्यम ठप पड़ा तो लाखों लोग बेरोजगार हो गए। राज्य के पर्यटन मंत्री सीटी रवि के अनुसार कोरोना के कारण पर्यटन उद्योग पर इतना बुरा असर पड़ा कि लगभग लाख लोग बेरोजगार हो गए। बहरहाल, राज्य के पर्यटन स्थलों पर अब रौनक लौटने लगी है और लोग कोरोना के कारण कैद हुई जिंदगी को खुले आकाश की ओर लेकर जाने लगे हैं ताकि मायूसी और निराशा को अलविदा कह सकें।
सिमट रहा है सन्नाटा, बढ़ रही है रौनक
कर्नाटक राज्य पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक कुमार पुष्कर के अनुसार कोरोना काल में पर्यटन क्षेत्र में पसरा सन्नाटा अब सिमट रहा है। लोग पर्यटन स्थलों का रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों के लिए लोग ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं वहीं कुछ स्थानों के लिए अभी रुझान कम है। कोडगू, जोग फाल्स, नंदी हिल्स, श्रीरंगपट्टण जैसे पर्यटन स्थल फिलहाल लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। हालांकि उत्तर कर्नाटक के पर्यटन स्थलों, हम्पी, बादामी और विजयपुरा के लिए अभी हालात में ज्यादा सुधार नहीं है।
कोडगू, काबिनी और चिकमगलूर
कर्नाटक पर्यटन मंच के उपाध्यक्ष एम रवि के अनुसार लोग छुट्टियां बिताने के लिए कोडगू, काबिनी, चिकमगलूरु, सकलेशपुर, मैसूरु आदि का रुख कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर पर्यटक बेंगलूरु के हैं, हालांकि तेलंगाना और तमिलनाडु से भी पर्यटकों का आना शुरू हुआ है। सप्ताह के अंत में पर्यटकों की संख्या ज्यादा है। इनमें से अधिकांश लोग निजी वाहन से घूमने निकल रहे हैं।
कोरोना से भी बचाव

लोगों के बाहर निकलने की एक वजह यह भी है कि लोग शहरों की दुनिया से दूर बसे इन स्थलों को कोरोना से भी बचने की जगह मान रहे हैं। रेड अर्थ ग्रुप ऑफ रेसोर्ट के राचेल रवि कहते हैं कि गोकर्ण जैसी जगहों पर लोग पंद्रह से बीस दिन तक ठहर रहे हैं। ऐसे में संकट यह है कि कहीं ग्रामीण इलाकों में कोरोना नहीं फैल जाए। बहरहाल, ठहरनेवाले पर्यटकों के लिए मास्क पहनने और सामाजिक दूरी का पालन करने जैसे एहितयात सख्ती से बरते जा रहे हैं।
बढ़ेगी संख्या
वहीं मल्लेश्वरम में एक ट्रैवेल बुकिंग कम्पनी वल्र्ड ट्रेल्स के अनुसार कुर्ग जैसे स्थानों पर लोग छुट्टियां बिताना पसंद कर रहे हैं। कुछ लोग गोवा जाने में भी रुचि दिखा रहे हैं। आनेवाले समय में पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी, इसमें संदेह नहीं है।

Home / Bangalore / पर्यटन दिवस: ये वादियां, ये फिजाएं बुला रही हैं तुम्हें

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो