शुक्रवार सुबह भी केआइए पर कोहरे का सफेद चादर फैली रही, जिस कारण ६७ विमानों के आवागमन में बाधित हुआ। इसके बेंगलूरु से उड़ान भरने वाली ४५ विमान और आगमन वाले २१ विमान शामिल रहे जबकि एक कार्गो विमान को डायवर्ट करना पड़ा। तडक़े एक घंटे से ज्यादा समय तक केआइए से किसी प्रकार की विमान आवाजाही नहीं हुई। वहीं गुरुवार को भी ६२ विमानों का परिचालन बाधित हुआ था।
केआइए सूत्रों के अनुसार २०९ बाधित विमानों में १२४ प्रस्थान विमान थे जबकि ७५ आगमन वाले थे। इस दौरान बेंगलूरु में उतरने वाले दस विमानों को हैदराबाद और चेन्नई हवाई अड्डों के लिए डायवर्ट किया गया। डायवर्ट विमानों में ब्लूडार्ट के तीन कार्गो विमानों को चेन्नई जबकि शेष सात इंडिगो के यात्री विमान थे जिन्हें हैदराबाद भेजा गया।
बेंगलूरु में नवंबर से फरवरी के बीच कोहरे का समय माना जाता है। हालांकि अपने सदाबहार मौसम के लिए मशहूर बेंगलूरु में सामान्यत: ठंड के दिनों घना कोहरा ना के बराबर देखा जाता है।
विशेषकर शहर के अंदरूनी क्षेत्रों में धुंध के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित नहीं होती है, लेकिन केआइए के बाहरी क्षेत्र में होने और विमान परिचालन के लिए दृश्यता का दायरा ज्यादा होने के कारण कोहरे से विमानों का आवागमन प्रभावित होता है।
विमानों के उड़ान भरने या उतरने के लिए दृश्यता की आदर्श मानक स्थिति २.५ किलोमीटर है। कोहरे के कारण यह दायरा कम जाता है और हवाई यात्रियों को मुसीबत झेलनी पड़ती है। हालांकि केआइए पर बने रहे टर्मिनल-२ में कैटेगरी-३ इंस्ट्रुमेंटल लैंडिंग प्रणाली स्थापित की जा रही है, जिसके बाद दृश्यता स्थिति ५० मीटर होने पर भी विमान परिचालन बाधित नहीं होगा। मौजूदा समय में देश में सिर्फ दिल्ली, चंडीगढ़, कोलकाता, जयपुर और अमृतसर हवाई अड्डों पर यह सुविधा है।
दावणगेरे रहा राज्य में सबसे ठंडा
मौसम विभाग के अनुसार राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ है। शुक्रवार को दावणगेरे राज्य में सबसे ठंडा रहा और न्यूनतम तापमान १०.३ डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, बेंगलूरु में अधिकतम तापमान २८ डिग्री सेल्सियस जबकि न्यनूतम तापमान १३ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। हालांकि दिन के समय तेज धूप होने के कारण ठंड मौसम खुशनुमा बना रह रहा है, लेकिन रात और सुबह के समय न्यनूतम तापमान में गिरावट से ठंड बढ़ जा रही है।