सरकार ने एयरटेल कंपनी से करार का नवीकरण नहीं किया है और कंपनी को २३ लाख रुपए का भुगतान नहीं होने से कंपनी ने ट्रैफिक पुलिस को दिए डिजिटल ब्लैकबेरी एप सॉफ्टवेयर को बंद कर दिया है। जिससे कई लाख रुपए के खर्च से खरीदे गए ब्लैकबेरी को अब थानों के कोने में फेंक दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस जुर्माना करने के लिए कागज, कार्बन कॉपी और बाल-पेन का इस्तेमाल करने लगी है।
जुर्माना रसीद पुस्तकों की छपाई कर उन्हें सभी ट्रैफिक पुलिस थानों को भेजा गया है। सरकार ने डिजिटल इंडिया योजना के तहत डिजिटल ब्लैकबेरी को खरीदा था। कैशलेस कारोबार के लिए स्वाइप मशीनों के साथ ब्लैकबेरी का परिचय कराया गया था। यातायात नियमो का उल्लंघन करने वाले क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर जुर्माना राशि भुगतान करते थे। इन ब्लैकबेरी को मिनी कंप्यूटर भी कहा जाने लगा। इस उपकरण में वाहन, चालक का लाइसेंस और बीमा के अलावा अन्य विवरण क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों के सर्वर से संग्रहित किया जाता था।
बेंगलूरु इस तरह के उपकरण की खरीदी और इस्तेमाल करने वाला भारत का पहला शहर बना था। इसके बाद नई दिल्ली, मुंबई और अ्रन्य शहरों में इसका इस्तेमाल होने लगा था।
ब्लैकबेरी सेवा बंद होने से यातायात पुलिस कर्मचाकियों को जुर्माना राशि संग्रहित करने में परेशानी हो रही है। अब पुलिस को कागज पर सब कुछ लिखना पड़ता है। एक वाहन का जुर्माना कर में पांच से सात मिनट का समय लगता है। ब्लैकबेरी में केवल दो मिनट का समय लगता था। दूसरी तरफ ब्लैकबेरी उपकरण बंद होने से वाहन चालकों को क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने में दिक्कत होने लगी है। उन्हें मित्रों या रिश्तेदार से नकद राशि मंगवानी पड़ रही है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) आर.हितेंद्र ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस नई तकनीकी के ब्लैकबेरी का उपयोग शुरू करने वाला है। इसी कारण एयरटेल कंपनी से करार को नवीकरण नहीं किया गया। कंपनी के बकाया का शीघ्र भुगतान होगा।