गौरतलब है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को हड़ताल के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा था कि राज्य कोरोना महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में यह हड़ताल के लिए गलत समय है और परिवहन निगम कर्मचारियों को तत्काल ड्यूटी पर लौटकर बसों का परिचालन शुरु करना चाहिए।
हड़ताल का नेतृत्प कर कर रहे किसान नेता और कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम कर्मचारी लीग के मानद अध्यक्ष कोडिहल्ली चंद्रशेखर ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर आदेश वापस लिए जाने की घोषणा की। चंद्रशेखर ने कहा कि अगर हमारी मांगेें पूरी नहीं की गई तो फिर से हड़ताल किया जाएगा।
उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद काफी संख्या में हड़ताली कर्मचारी बुधवार को ड्यूटी पर आए। अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल खत्म होने के बाद अब गुरुवार से आम दिनों की तरह पूर्ण स्तर पर बसों का परिचालन किया जाएगा। बुधवार को शाम ५ बजे तक चारों सड़क परिवहन निगमों ने 12,692 बसों का परिचालन किया। इनमें राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने4808, बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) ने 2808, उत्तर-पूर्व कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनइकेआरटीसी) ने 2134 और उत्तर-पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनडब्लू केआरटीसी) ने 2942 बसों का परिचालन किया। मंगलवार को चारों निगमों ने7848 और सोमवार को 5929 बसों का परिचालन किया था। इससे पहले बुधवार सुबह जारी बयान में बीएमटीसी ने कहा था कि उसके परिचालन में पिछले कुछ दिनों से सुधार हुआ है। बीएमटीसी के एक अधिकारी ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद बुधवार को ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ी और दोपहर तक दो हजार से अधिक बसों का परिचालन किया। बीएमटीसी ने रात तक ३ हजार बसों के परिचालन की उम्मीद जताई। राज्य में दोपहर २ बजे तक चारों निगमों ने १०,९७१ बसों का परिचालन किया था।
उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद काफी संख्या में हड़ताली कर्मचारी बुधवार को ड्यूटी पर आए। अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल खत्म होने के बाद अब गुरुवार से आम दिनों की तरह पूर्ण स्तर पर बसों का परिचालन किया जाएगा। बुधवार को शाम ५ बजे तक चारों सड़क परिवहन निगमों ने 12,692 बसों का परिचालन किया। इनमें राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने4808, बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) ने 2808, उत्तर-पूर्व कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनइकेआरटीसी) ने 2134 और उत्तर-पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनडब्लू केआरटीसी) ने 2942 बसों का परिचालन किया। मंगलवार को चारों निगमों ने7848 और सोमवार को 5929 बसों का परिचालन किया था। इससे पहले बुधवार सुबह जारी बयान में बीएमटीसी ने कहा था कि उसके परिचालन में पिछले कुछ दिनों से सुधार हुआ है। बीएमटीसी के एक अधिकारी ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद बुधवार को ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ी और दोपहर तक दो हजार से अधिक बसों का परिचालन किया। बीएमटीसी ने रात तक ३ हजार बसों के परिचालन की उम्मीद जताई। राज्य में दोपहर २ बजे तक चारों निगमों ने १०,९७१ बसों का परिचालन किया था।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सरकार ने हड़ताल को अवैध घोषित करने के साथ ही वेतन विवाद को पंचाट के पास भेज दिया था। इसके बाद हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरु की थी। काफी संख्या में कर्मचारियों को निलंबित करने के साथ ही तबादले किए गए। प्रशिक्षु और प्रवीक्षाधीन कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया गया। चंद्रशेखर ने कहा कि हड़ताल में भाग लेने के कारण 2,941 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। निगमों ने 2,169 कर्मचारियों को बर्खास्त किया जबकि 7,646 कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया। इसके साथ ही 8 हजार से अधिक कर्मचारियों का तबादला किया गया। चंद्रशेखर ने कहा कि इन सभी कर्मचारियों को बहाल करना होगा।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर मई में सरकार से फिर बातचीत की जाएगी। कोशिश की जाएगी कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को मान ले। अगर सरकार अपने रुख पर अड़ी रही तो फिर से हड़ताल पर विचार किया जाएगा।