बताया जाता है कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि वह मांगों पर गौर करेगी। हालांकि उन्हें सरकारी वेतनमान के तहत लाने के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
परिवहन कर्मचारियों की प्राथमिक मांग थी कि उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों का दर्जा और उन्हीं के समान वेतन मिले। इसी तरह कोविड ड्यूटी के दौरान मृत श्रमिकों के लिए 30 लाख रुपये का मुआवजा भी मांगा गया है।
शुक्रवार से ही विभिन्न मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर थे। राज्य भर में संचालित निगमों द्वारा चलने वाली अधिकांश बसों का परिचालन बंद हो गया था। बता दें कि इससे पहले रविवार को परिवहन निगम के सैकड़ों कर्मचारियों ने फ्रीडम पार्क में भूख हड़ताल की। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने भी परिवहन कर्मचारियों को समर्थन दिया।