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जीवन का सच्चा सुख अंतर में निहित: साध्वी

locationबैंगलोरPublished: Sep 17, 2022 09:07:17 am

गणेशबाग में प्रवचन

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बेंगलूरु. जय ब्रज मधुकर अर्चना चातुर्मास समिति के तत्वावधान में राजस्थान प्रवर्तिनी साध्वी डॉ. सुप्रभा सुधा के सान्निध्य में आयोजित धर्मसभा में साध्वी डॉ. हेमप्रभा ने वीर स्तुति संपुट साधना में सभा में पांचवीं गाथा का स्वाध्याय, पारायण करवाया।
उन्होंने कहा कि प्रभु महावीर सर्वज्ञ, सर्वदर्शी थे, चार ज्ञानों को पराजित करके केवल ज्ञान संपन्न बने थे। विशुद्ध चारित्र पालक, धृतिमान, जगत के समस्त पदार्थों के ज्ञाता, सर्वोत्तम महा विद्वान थे। बाह्य, आभ्यंतर ग्रंथि से रहित थे और सभी प्रकार के भयों से रहित, निर्भय, अभय तथा अनायु यानी कि चार गतियों के आयुष्य बंध से रहित थे।
साध्वी डॉ.इमित प्रभा ने 24 दिवसीय लोगस्स साधना में बारहवें दिवस की लोगस्स की संपूर्ण साधना करवाई।
साध्वी उन्नति प्रभा ने कहा कि हर पदार्थ के दो गुण होते हैं। अनुकूलता, प्रतिकूलता व्यक्ति के जीवन में घटित होती रहती हैं। जहां कभी पदार्थों के प्रति आकर्षण सुख की अनुभूति तो कभी पदार्थों के वियोग पर दुख की अनुभूति संसार में व्यक्ति को होती हैं। उन्होंने कहा कि जीवन का सच्चा सुख बाहर नहीं, अपितु अंतर में निहित है। सच्चा सुख त्याग में है। व्यक्ति हमेशा अपने जीवन में दूसरों के प्रति प्रेम, आदर, वात्सल्य, सहयोग की भावना बनाए रखने पर वह जगत में सबका प्रिय, आदर का पात्र बन सकता है।
जय ब्रज मधुकर अर्चना समिति के महामंत्री मनोहर लाल लुकड ने बताया कि रविवार को प्रात: प्रवचन के दौरान श्रमण संघ के वर्तमान आचार्य डॉ. शिव मुनि का 81 वां जन्मदिवस दया दिवस के रूप में तप, त्यागपूर्वक मनाया जाएगा। इस अवसर पर समिति के तत्वावधान में श्रावकों की सामूहिक भिक्षु दया का आयोजन रखा गया है। साध्वी वृंद द्वारा आचार्य के गुणगान के साथ श्रद्धालुओं को महाविदेह क्षेत्र की भाव यात्रा की ध्यान साधना करवायी जाएगी।

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