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ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश पूरे मन से हो-आचार्य देवेंद्रसागर

locationबैंगलोरPublished: Aug 03, 2021 08:37:27 am

Submitted by:

Yogesh Sharma

धर्मसभा

ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश पूरे मन से हो-आचार्य देवेंद्रसागर

ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश पूरे मन से हो-आचार्य देवेंद्रसागर

बेंगलूरु. जयनगर के राजस्थान जैन संघ में आचार्य देवेंद्रसागर सूरी ने कहा कि समस्याएं एवं समाधान मन से ही उत्पन्न होते हैं। ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश पूरे मन से होनी चाहिए, बिना मन से किए गए प्रयासों में आपका समय तो व्यर्थ होता ही है साथ ही साथ आपको उचित परिणाम हासिल करने में बाधाएं आती है। समस्याएं किसी ना किसी रूप में साथ लगी ही रहती है। बहुत सी बातों का समाधान व्यक्ति के वश में नहीं होता है! लेकिन उससे प्रभावी ढंग से निपटने का उसके ‘कुशल प्रबंधन’ का फैसला तो हमारे ही हाथ में है। हमारे माता-पिता कौन है, हमारा रंग कैसा है, हम कहां पैदा होंगे, इसका फैसला व्यक्ति के वश के बाहर हैं। ऐसे में दो चीजें कर सकते हैं या तो ‘ईश्वर’ के उस फैसले को सम्मान पूर्वक स्वीकार करें या फिर ‘ईश्वर’ हमें इतनी शक्ति और सद्बुद्धि दे कि उस फैसले को बदल दें और लोगों को सही-गलत का फर्र्क बता सके। अक्सर हम ऐसी बातों के लिए परेशान रहते हैं जिन पर हमारा वश नहीं होता है। जीवन में फैसले और समझौते साथ- साथ चलते रहते हैं। बहुत सारे अच्छे फैसले एक सफल व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं जबकि नकारात्मक निर्णयों की शृंखला असफलता की तरफ बढ़ाती है। जब परिस्थिति पर हमारा कोई वस नहीं रहता। तब हमारा ‘चरित्र’ का काफी महत्व होता है। अंत में मुनिमहापद्मसागर ने कहा की व्यक्ति का चरित्र पैदा होने के बाद से हर पल फैसलों और समझौतों के बाद उसका निर्माण होता रहता है तथा विपरीत परिस्थितियों में ही इसकी परख होती है। अक्सर परिस्थितियों पर व्यक्ति का कोई नियंत्रण नहीं होता। लेकिन जिंदगी की नाव को किस तरह किनारे लगाना है। इसका निर्णय तो किया ही जा सकता है ताकि मनचाही दिशा पाई जा सके।
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