उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने सिद्धरामय्या को उपमुख्यमंत्री बनाया और वित्त जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बनाने की बात कहकर राजनीतिक पहचाने देने वाले जद-एस को छोड़कर कांग्रेस में चले गए। कांग्रेस में भी आप (सिद्धरामय्या) ने वरिष्ठ नेताओं का स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया और फिर उनका राजनीतिक तौर पर नुकसान किया। श्रीरामुलु ने चाहे मडिकेरी हो या मैसूरु या राज्य में कहीं भी, उनके खिलाफ चुनाव लडऩे के लिए वे तैयार हैं। क्या आप त्यागपत्र देकर जनता के सामने जाने को तैयार हैं? श्रीरामुलु ने कहा कि विधानसभा के चुनाव से पहले आप कहते थे कि एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, लेकिन बाद में उनके घर जाकर उनको मुख्यमंत्री बनाया। फिर साजिश रचकर उनको पद से हटाकर ही दम लिया। क्या आप जानते हैं मान-मर्यादा क्या होती है?
क्या श्रीरामुलु ने त्यागपत्र दिया: सिद्धरामय्या
उधर, विपक्ष के नेता सिद्धामय्या ने कहा कि अनुसूचित जन जाति को 7 फीसदी आरक्षण् ानहीं देने पर श्रीरामुलु ने त्यागपत्र देने व एक क्षण के लिए भी पद पर नहीं बने रहने की बात कही थी, क्या उन्होंने ऐसा किया था? बादामी से त्यागपत्र देकर उनके खिलाफ चुनाव लडऩे की श्रीरामुलु की चुनौती पर सिद्धरामय्या ने कहा कि स्वार्थ की बातें करने वालों के सवालों का उत्तर देने की जरूरत नहीं है। वे बेचारे बादामी में मेरे खिलाफ चुनाव हार गए थे, इसलिए हताशा में इस तरह की बातें कर रहे हैं।
उधर, विपक्ष के नेता सिद्धामय्या ने कहा कि अनुसूचित जन जाति को 7 फीसदी आरक्षण् ानहीं देने पर श्रीरामुलु ने त्यागपत्र देने व एक क्षण के लिए भी पद पर नहीं बने रहने की बात कही थी, क्या उन्होंने ऐसा किया था? बादामी से त्यागपत्र देकर उनके खिलाफ चुनाव लडऩे की श्रीरामुलु की चुनौती पर सिद्धरामय्या ने कहा कि स्वार्थ की बातें करने वालों के सवालों का उत्तर देने की जरूरत नहीं है। वे बेचारे बादामी में मेरे खिलाफ चुनाव हार गए थे, इसलिए हताशा में इस तरह की बातें कर रहे हैं।
सिद्धामय्या ने कहा कि उनके पास मर्यादा हो तो पहले ही त्यागपत्र दे देना चाहिए था। श्रीरामुलु को उप मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया था, क्या उनको यह पद दिया गया? जो विधायक ही नहीं हैं उसे उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। बेचारे श्रीरामुलु के बारे में क्या कहूं स्वार्थ की पूर्ति करने वाले एक जगह जमा हो गए हैं और सिद्धांत नाम की कोई चीज ही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोग भाजपा व जद-एस के पक्ष में नहीं हैं, लिहाजा वे धनबल पर चुनाव का सामना करने निकले हैं और मतदाताओं को धन का प्रलोभन दे रहे हैं। हुणसूर में 30 हजार साडिय़ां बरामद हुई हैं यह पैसा कहां से आया? उन साडिय़ों के कवर पर योगेश्वर, विश्वनाथ भाजपा नेताओं की तस्वीरें हैं। चुनाव आयोग को इसे गंभीरता से लेकर सभी के खिलाफ कदम उठाने चाहिए।